Amit Shah In Rajya Sabha On Jammu Kashmir: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को बरकरार रखा है. इसके बाद पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. सोमवार (11 दिसंबर ) को उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद संसद में भी जमकर बहस हुई.


खास कर उच्च सदन राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुन चुन कर कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू की गलतियों की वजह से कश्मीर समस्या हुई. उनके इस बयान के बाद कांग्रेस के सांसद हंगामा कर रहे थे जिस पर तीखा तंज कसते हुए अमित शाह ने कहा, "अरे बैठिए सुनना पड़ेगा. इन तीन परिवारों ने गलती की..." उनका इशारा गांधी परिवार, अब्दुल्ला परिवार और मुफ्ती परिवार की ओर था जिनका कश्मीर पर लंबे वक्त तक शासन रहा.


"पंडित नेहरू के कारण हुई कश्मीर के विलय में देरी"
राज्यसभा में सोमवार को 370 पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के विलय में देरी पंडित जवाहरलाल नेहरू के कारण हुई. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी आपत्ति है. मैं इनको (कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल) नहीं समझा सकता क्योंकि मेरी मर्यादा है.



"जवाहरलाल नेहरू को मानोगे कि नहीं?"
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक और आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, "एक बात तो सर्वविदित है कि अगर असामयिक युद्धविराम नहीं हुआ होता तो आज पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) नहीं होता... मैं एक बयान पढ़ना चाहूंगा... यह जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण है. उनको तो मानोगे या नहीं मानोगे कि उन्होंने गलती की है. इसे स्वीकार करें..."
 उन्‍होंने इस दौरान फील्‍ड मार्शल सैम मानेकशॉ का भी जिक्र किया. अमित शाह ने नेहरू मेमोरियल में मौजूद एक किताब का जिक्र करते हुए कहा कि खुद तत्‍कालीन प्रधानमंत्री ने कश्‍मीर को लेकर अपनी गलती को स्‍वीकार किया था. अमित शाह ने तत्‍कालीन गृह मंत्री सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की प्रधानमंत्री नेहरू से मुलाकात के प्रकरण के बारे में बताया.


"पटेल ने कहा - आपको कश्मीर चाहिए कि नहीं..."
अमित शाह ने कहा- पाकिस्‍तान द्वारा साल 1947 में कश्‍मीर पर आक्रमण करने के बाद हुई इस मीटिंग के दौरान सैम मानेकशॉ भी वहां मौजूद थे. नेहरू कश्‍मीर में फौज भेजने से हिचकिचा रहे थे. पटेल ने नेहरू से कहा कि आपको कश्‍मीर चाहिए या नहीं? कश्‍मीर में सेना भेजने में इतना वक्‍त क्‍यों लिया जा रहा है. इस मुलाकात के बाद कश्‍मीर में सेना भेजने का निर्णय लिया गया.


"नेहरू ने गलत वक्त पर करवाया युद्ध विराम"
राज्यसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि कश्‍मीर में हमारी सेना बढ़त पर थी. दो दिन और मिल जाते तो भारत पूरे पीओके को खाली करा लेता. नेहरू ने गलत वक्‍त पर सीज फायर करवा दिया. यूनाइटेड नेशन में जाना भी उनकी एक बड़ी गलती थी. शाह ने कहा कि सभी जानते हैं कि कश्मीर के विलय में इसलिए देरी हुई थी, क्योंकि शेख अब्दुल्ला को विशेष स्थान देने का आग्रह था. इसके चलते पाकिस्तान को आक्रमण करने का मौका मिला.


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