नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों के हटने के बाद से पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने हाय तौबा मचा रहा है. लेकिन इन के सब के बावजूद भी उसे लगभग हर जगह से मायूसी ही हाथ लग रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद से इसे लेकर फोन पर बात की. यहां पर भी पाकिस्तान के लिए ढाक के तीन पात वाली स्थिती रही. मालदीव के विदेश मंत्री ने साफ तौर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री को कह दिया कि अनुच्छेद 370, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग करना भारत का आंतरिक मामला है. इसके साथ ही उन्होंने मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की बात कही.


इससे पहले पाकिस्तान यूएन समेत और भी कई देशों के सामने ये मुद्दा उठा चुका है. इस मामले में चीन को छोड़कर किसी अन्य देश ने खुलकर पाकिस्तान का साथ नहीं दिया है. फ्रांस, रूस, बांग्लादेश और नेपाल जैसे कई देशों ने साफ तौर पर इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है.


बता दें कि कुछ वक्त पहले चीन की जिद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बंद कमरे में कश्मीर पर चर्चा हुई थी. इस चर्चा के बाद भारत ने एक बार फिर साफ किया था कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा पूरी तरह से आंतरिक और द्विपक्षीय है. इसके साथ ही भारत ने साफ किया कि अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले से बाहरी लोगों कोई मतलब नहीं है.


संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई दूत सैयद अकबरुद्दीन ने इसे लेकर कहा था कि अनुच्छेद 370 से जुड़ा मामला पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है. इस फैसले का बाहरी लोगों से कोई मतलब नहीं है. ये फैसला जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए हुआ. जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने हालात सामान्य होने की बात कही है, हम धीरे धीरे पाबंदियों को हटा रहे हैं. शांति और समझौतों को लेकर भारत प्रतिबद्ध है. भारत अपनी नीति पर हमेशा की तरह कायम हैं.


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