नई दिल्ली: आर्टिकल 370 पर लिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद अब वरिष्ठ विदेश मंत्रालय के अधिकारी इस फैसले को लेकर रूस, यूके, यूएसए, फ्रांस, चाइना सहित कई देशों के दूतों को जानकारी दे रहे हैं. भारत की तरफ से बताया गया है कि 370 पर जो प्रस्ताव भारत की संसद में पेश किया गया है उसका उद्देश्य सुशासन प्रदान करना, सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना और जम्मू-कश्मीर में आर्थिक विकास सुनिश्चित करना है.


अमेरिका ने की दोनों देशों से स्थिरता बनाए रखने की अपील


अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है. साथ ही उसने सभी पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा,‘‘हम नियंत्रण रेखा पर सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं.’’उन्होंने कहा,‘‘हम जम्मू कश्मीर की घटनाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं. हमने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में तब्दीली की भारत की घोषणा और राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने की योजना को संज्ञान में लिया है.’’उन्होंने कहा कि भारत ने जम्मू कश्मीर में कार्रवाई को ‘‘पूरी तरह से आंतरिक मामला’’ बताया है. हालांकि उन्होंने जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई.


संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा


संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान से ''अधिकतम संयम" बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा,''हम इस क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति नज़र बनाए हुए हैं. हम सभी दलों से संयम बरतने का आग्रह करते हैं.''


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