'आर्टिकल 370 का अंत देखकर खुशी हुई...', सेना के दिग्गजों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सराहा, जानें क्या कुछ कहा?
Article 370: अगस्त 2019 में संसद ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम विधेयक पारित करके राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था. SC ने निरस्तीकरण को बरकरार रखा है.
Jammu Kashmir Article 370: जम्मू-कश्मीर से हटाए गए संविधान के अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भारतीय सेना के कई दिग्गजों ने सराहना की है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 दिसंबर) को इस अनुच्छेद के निरस्तीकरण को चुतौनी देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया, जिसमें केंद्र सरकार के कदम को बरकरार रखा. कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द दिए जाने और वहां चुनाव कराने का निर्देश भी दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक (रिटायर्ड) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिये सराहना की. उन्होंने X हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ''अनुच्छेद 370 के अंत को देखकर खुशी हुई. निहित स्वार्थों के चलते अक्सर इसकी गलत व्याख्या की गई. यह भारत के राष्ट्रीय हित और सुरक्षा में बाधक बना.'' वेद प्रकाश मलिक 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान देश के सेना प्रमुख थे.
Delighted to see the end of Article 370. It was often misinterpreted by vested interests. Became an obstruction in India's national interest & security. 👍😊 https://t.co/18RLu9Igj7
— Ved Malik (@Vedmalik1) December 11, 2023
अनुच्छेद 370 और 35ए को जाना ही था- रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन
लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन (रिटायर्ड) ने X पर एक रीपोस्ट किया, ''अनुच्छेद 370 और 35ए को जाना ही था और यह ‘कितने गाजी आए, कितने गाजी गए’ (केजेएस ढिल्लन की आत्मकथा) में बहुत पहले ही लिख दिया गया था. जय हिंद.''
'युगांतकारी कश्मीर मुद्दा आखिरकार सील कर दिया गया'
एचटी की रिपोर्ट के मेजर जनरल ब्रजेश कुमार (रिटायर्ड) ने कहा, ''युगांतकारी कश्मीर मुद्दा आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की ओर से सील कर दिया गया. हमारे सुरक्षा बलों के एलएसी एजीपीएल पर पाकिस्तानियों से निपटने के तरीके और भविष्य की कार्रवाई पर इसका असर दिखेगा. अब एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता है.''
सचमुच ऐतिहासिक फैसला- रिटायर्ड कर्नल एस डिन्नी
कर्नल एस डिन्नी (रिटायर्ड) ने कहा X पर लिखा, ''जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ सभ्यतागत एकीकरण हमेशा से था. भारत के साथ जम्मू-कश्मीर का संवैधानिक एकीकरण अब पूरा हो गया है. सचमुच ऐतिहासिक फैसला.''
सभी विवादों पर विराम लग गया- रिटायर्ड ब्रिगेडियर जय कौल
ब्रिगेडियर जय कौल (रिटायर्ड) ने लिखा, ''सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला. सभी विवादों पर विराम लग गया. 70 साल से ज्यादा समय से चली आ रही गड़बड़ दूर हो गई है. केंद्र की वर्तमान सरकार की एक साहसिक पहल को बरकरार रखा गया है. समय आ गया है कि राज्य के राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए कमर कस लें.''
अगले साल 30 सितंबर तक कराना होगा चुनाव
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए अगले साल 30 सितंबर तक की समय सीमा तय कर दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने फैसले में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था, जिसे रद्द करने की शक्ति राष्ट्रपति के पास है. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा है.
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