आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा दिल्ली के छात्रों का मूल्यांकन, मनीष सिसोदिया ने कही ये बात
दिल्ली में अब छात्रों का मूल्यांकन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से होगा. इसके साथ ही खेल को लेकर नए तकनीकों को अपनाने पर भी बल दिया जाएगा.
नई दिल्ली: दिल्ली में अब छात्रों का मूल्यांकन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से होगा. इसके साथ ही खेल को लेकर नए तकनीकों को अपनाने पर भी बल दिया जाएगा. दिल्ली सरकार की ओर से गठित दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन ने यह फैसला लिया है.
इससे पहले हाल ही में दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लिए अलग राज्य शिक्षा बोर्ड बनाने का भी फैसला लिया था. एक दिन पहले बोर्ड की पहली आम बैठक में यह फैसला लिया गया. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस फैसले को दिल्ली में शिक्षा के लिए इसे ऐतिहासिक बताया.
Landmark day for Delhi Education.
Delhi Board of School Education, in its 1st meeting decided to work as 'partner in learning, not just an authority of testing' It will use high tech assessment technologies including Artificial Intelligence, Game based tests & Data Analytics. pic.twitter.com/eiDvEgC1aM — Manish Sisodia (@msisodia) March 30, 2021
6 मार्च को दिल्ली सरकार ने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) को मंजूरी दी थी. बोर्ड के लिए सोसायटी 19 मार्च को पंजीकृत की गई थी. आगामी शैक्षणिक सत्र से बोर्ड के कम से कम मिडिल-स्कूल स्तर (कक्षा 8 तक) के लिए चालू होने की संभावना है.
बोर्ड के प्रमुख मनीष सिसोदिया ने कहा कि छात्रों का मूल्यांकन उनके ज्ञान, दृष्टिकोण और कौशल के आधार पर समग्र रूप से किया जाएगा. DBSE हमारे छात्रों के लिए एक व्यक्तिगत रूप से सीखने के अनुभव को सुनिश्चित करने के लिए आज उपलब्ध प्रभावी आधुनिक तकनीक को रोजगार देगा.
उन्होंने कहा, एआई और गेम-आधारित आकलन का उपयोग एक प्रणाली बनाने के लिए किया जाएगा, जहां हर छात्र का उसकी ताकत के आधार पर नियमित मूल्यांकन किया जाता है.
शिक्षा निदेशालय (DoE) के प्रमुख सलाहकार शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि नया शिक्षा बोर्ड छात्रों को उनके कौशल के आधार पर आंकने पर ध्यान केंद्रित करेगा, न कि केवल कक्षा शिक्षण पर. परंपरागत रूप से बोर्ड के मूल्यांकन को केवल कलम-कागज़ पर टेस्ट के रूप में डिज़ाइन किया जाता है. वे विषय ज्ञान का परीक्षण करते हैं जिसे एक परीक्षा के दौरान छात्र याद कर लेते हैं. लेकिन अब हमें हमें ज्ञान के प्रयोग, समझ की सीमा, टीम वर्क, सहयोग, समस्या-समाधान की क्षमताओं जैसे दृष्टिकोण का भी आकलन करने की जरूरत है.
शर्मा ने कहा कि सरकार विदेशों में इस्तेमाल होने वाले मूल्यांकन मॉडल को भी देखेगी. दिल्ली बोर्ड की स्थापना का उद्देश्य मौजूदा मॉडलों की नकल करना नहीं है. हम मूल रूप से यह देख रहे हैं कि मूल्यांकन सभी ग्रेड में कक्षा में शिक्षण-शिक्षण प्रक्रिया को कैसे सुधार सकता है. यही कारण है कि हम दुनिया भर में पालन किए जाने वाले सबसे समकालीन मॉडल का पता लगाएंगे.
शिक्षाविद् मीता सेनगुप्ता ने कहा कि मूल्यांकन में एआई और गेम-आधारित टूल का उपयोग ताज़ा बदलाव होगा. यह एक अविश्वसनीय रूप से जटिल प्रक्रिया है, जहां किसी को नैतिकता और सहानुभूति के बारे में बहुत सावधान रहना पड़ता है. इसका इस्तेमाल बिना गोपनीयता के घुसपैठ और बिना गलत धारणा के किया जाना चाहिए.
कई सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने भी इस विचार का स्वागत किया. रोहिणी में सर्वोदय सह-एड विद्यालय के प्रमुख अवधेश कुमार झा ने कहा, मौजूदा मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है. हमें छात्रों को उनकी ताकत और कमजोरियों को समझने के लिए समग्र रूप से मूल्यांकन करने की आवश्यकता है. खेल-आधारित मूल्यांकन युवा छात्रों की बहुत मदद करेगा.