Artificial Rain In Delhi: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की वजह से छाई धुंध से निजात दिलाने के लिए अत्याधुनिक वैज्ञानिक तकनीक से कृत्रिम बारिश करने की तैयारी पूरी हो चुकी है. दिल्ली सरकार में इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने की तैयारी की है. इसमें बताया जाएगा कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.


मुख्य सचिव को अहम निर्देश 
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि आर्टिफिशल बारिश को लेकर अरविंद केजरीवाल की सरकार ने अपने फैसले की ड्राफ्टिंग तैयार की है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के मुख्य सचिव को इस बावत आदेश दिया है. इसमें कहा गया है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण से संबंधित मामले की सुनवाई के समय दिल्ली सरकार का पक्ष रखा जाए. इसमें बताया गया है कि दिल्ली सरकार सारा खर्च उठाने को तैयार है. केजरीवाल सरकार का कहना है कि अगर केंद्र सरकार साथ दे, तो दिल्ली में 20 नवंबर तक पहली आर्टिफिशियल बारिश कराई जा सकती है.


पड़ोसी राज्यों से भी ली जाएगी मंजूरी


दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मुख्य सचिव को यह भी कहा गया है कि वह अदालत से केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से जरूरी मंजूरी 15 नवंबर तक देने के लिए भी कहें. ऐसा इसलिए कहा गया है ताकि 20 और 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश के पहले चरण की पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्टडी हो सके.


आपको बता दें कि आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली में प्रदूषण से निजात पाने के लिए कारगर कदमों के संबंध में महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है. राजधानी दिल्ली एनसीआर  में प्रदूषण की वजह से छायी धुंध को खत्म करने के लिए पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर आज अहम फैसला हो सकता है. इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि जिन क्षेत्रों में पराली जलाई जाएगी वहां के थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी होगी. कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर प्रदूषण रोकथाम के लिए कारगर कदम नहीं उठाए गए तो कोर्ट कड़ा कदम उठाएगा .


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