नई दिल्ली: रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान से बदला लेने पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मीडिया से कहा कि लोगों को भारतीय सेना पर विश्वास होना चाहिए. जेटली ने पुंछ हमले में पाकिस्तान को जिम्मेदार माना है. जेटली ने कहा कि पाकिस्तानी सेना की भागीदारी के बिना पुंछ में जवानों से बर्बरता संभव ही नहीं थी.


पाकिस्ताने की फायरिंग में शहीद हो गए थे दो जवान


एक मई को पाकिस्तान की ओर से हुए हमले में भारत के दो जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद पाक की बॉर्डर एक्शन टीम यानी BAT ने जवानों के शव के साथ बर्बरता भी की थी. बैट की टीम ने छुपकर हमला किया था और भाग गई. शहीद होने वाले जवानों में सेना के JCO नायब सूबेदार परमजीत सिंह और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर शामिल थे.


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पाकिस्तान के इनकार में कोई विश्वसनीयता नही- जेटली


पाकिस्तान की इसी कायराना हरकत पर रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा है, ‘’पाकिस्तान के इनकार में कोई विश्वसनीयता नही हैं. हालात बताते हैं कि हमारे सैनिकों को मारना और फिर शवों से बर्बरता करना पाकिस्तान सेना की शह और भागीदारी के बिना संभव नहीं था.’’


जेटली ने आगे कहा, ‘’हमला करने वालों को कवर फायरिंग दी गई थी. पाक सेना के शामिल हुए बिना यह सब नहीं हो सकता था.’’


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कायराना हरकत के बाद पाकिस्तान ने किया आरोपों से इनकार


अपनी इस कायराना हरकत के बाद पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था, ”पाक सेना ने किसी भी तरह सीज फायर का उल्लंघन नहीं किया. जवानों के साथ बर्ररता का आरोप गलत है. पाकिस्तान की सेना प्रोफेशन है और जवान के साथ असम्मानजनक हरकत नहीं करती.”


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पहली बार नहीं है BAT की ये कायराना करतूत


पाकिस्तान की आतंकियों जैसी क्रूर बैट टीम ने पहली बार भारतीय जवानों के शव के साथ बर्बरता की हो ऐसा पहली बार नहीं है. साल 1999 में पाक सेना करगिल युद्ध के दौरान कैप्टन के शव के साथ भी बर्बरता की गई थी. फरवरी 2000 में मराठा रेजिमेंट के जवान भाव साहेब मारुति कालेकर के शव के साथ पाकिस्तान सैनिकों ने बर्बरता की.


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इसके बाद साल 2008 में गोरखा रेजिमेंट का एक जवान रास्ता भटक कर एलओसी के पार पहुंच गया था. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने ना सिर्फ उन्हें प्रताड़ित किया बल्कि उनके शव के साथ भी बर्बरता की. साल 2013 को तो भुलाया नहीं जा सकता जब इन्हीं कायर बैट कमांडो शहीद हेमराज का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे. साल 2016 में भी इसी तरह की दो घटनाएं हुईं थी.