मुंबई: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के महागठबंधन को बृहस्पतिवार को 'नकारात्मकता के नवाबों' का समूह करार दिया. उन्होंने कहा कि अलग अलग विचारों वाले इस समूह के एकसाथ आने के पीछे एकमात्र कारण 'एक व्यक्ति' (नरेंद्र मोदी) का विरोध है. जेटली ने वीडियो लिंक के जरिये एक टीवी चैनल के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक तौर पर सचेत और आकांक्षी हमारा समाज आत्महत्या जैसे इस विकल्प को तवज्जो नहीं देगा. उन्होंने कहा, ''नकारात्मकता के नवाब एकसाथ आ तो सकते हैं पर जहां तक लोगों का सवाल है, इनके पास ऐसा कुछ नहीं है जिसे लेकर भरोसा किया जा सके.''
जेटली इस समय इलाज के लिए अमेरिका गये हुए हैं. उन्होंने मंगलवार को देश छोड़ने के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया है. हाल ही में तीन हिंदी भाषी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार के बाद कुछ विपक्षी नेता गठबंधन जैसा विकल्प खड़ा कर चुनावों में जीत की उम्मीद रखने लगे हैं.
जेटली ने कहा कि महागठबंधन को आपस में जोड़े रखने के लिये उनके पास न तो वैचारिक समानता है, न ही देश को आगे बढ़ाने का साझा कार्यक्रम है और न ही उनके पास कोई एक चेहरा है.
उन्होंने कहा कि नेतृत्व, निर्णयात्मकता, प्रदर्शन और संभावना की भारतीय जनता पार्टी की क्षमता के उत्तर में विपक्ष द्वारा पेश किया जा रहा विकल्प अंकगणितीय है. उन्होंने कहा कि राजनीति में अंकगणित से नहीं बल्कि गुणधर्म से सफलता मिलती है.
जेटली ने कहा, ''उनका आधार है कि उनकी राजनीति गुणवत्ता से नकारात्मक है, और उनकी नकारात्मकता है कि उन्हें एक व्यक्ति (मोदी) सत्ता से बाहर चाहिए. ये किसी एक व्यक्ति को बाहर करने की नकारात्मकता ने उन्हें एक साथ खड़ा कर दिया है.''
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनाव की तैयारी के दौरान राजनीतिक बहस के स्तर को ऊपर उठाने की जरूरत है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नारेबाजी की ऐसी राजनीति से कोई भला नहीं होने वाला है जहां भावनात्मक बातें अच्छी नीतियों पर भारी पड़ जाती हैं.
जेटली ने कांग्रेस के कृषि लोन माफी के वादे का जिक्र किये बिना कहा कि नारेबाजी की राजनीति से अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि इससे देश के सपनों को झटका लगता है.
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