नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमलों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार सुबह सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक हुई. बैठक में पाकिस्तान को अलग-थलग किये जाने को लेकर कई फैसले लिए गए. जिसमें एमएफएन का दर्जा भी शामिल है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया गया है. डब्ल्यूटीओ बनने के साल भर बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था. लेकिन पाकिस्तान ने भारत को कभी एमएफएन का दर्जा नहीं दिया.


सीसीएस की बैठक के बाद जेटली ने कहा कि विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को पूर्ण रूप से अलग-थलग करने के लिए राजनयिक कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाएगी. जेटली ने कहा कि इस क्रूर घटना को अंजाम देने वालों और इसका समर्थन करने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.


मोस्ट फेवर्ड नेशन क्या है?
विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है. एमएफएन के तहत आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. एमएफएन के तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है. यह दर्जाप्राप्त देश कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है.






सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई और बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मौजूद थे. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया गया है.

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शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हमले और राज्य में सुरक्षा के संबंध में अपनी प्रस्तुतियां दी हैं. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 37 जवान शहीद हो गए जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं.


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