नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने आम आदमी पार्टी के 500 और 2000 रूपये के नए नोटों को छापने का ठेका ब्लैक लिस्ट में शामिल कपंनी को देने के आरापों को खारिज करने के एक दिन बाद दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी ने कहा कि वित्त मंत्री को अपने तथ्य जांचने चाहिए. पार्टी ने जोर दिया कि मशीनरी की आपूर्ति उसी कंपनी ने की है.


आप की दिल्ली इकाई के प्रमुख दिलीप पांडे ने कहा कि कंपनी मैसूर के प्रिंटिग प्रेस से जुड़ी हुई है.


पांडे ने कहा कि इसी कपंनी को ब्लैक लिस्ट में डाला गया था क्योंकि यह जाली नोट छापने में आतंकी समूहों की सहायता कर रही थी. भारतीय मुद्रा को छापने के लिए ऐसी कंपनी को नियुक्त करने की क्या जरूरत थी?


जेटली ने कल कहा था उनके मंत्रालय का ब्रिटिश कंपनी से कोई लेना देना नहीं है जिसका नाम ‘झूठे’ सोशल मीडिया अभियान में आया है.