Indo-China Border: अरुणाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री चोवना मेन ने शनिवार को यहां कहा कि राज्य सरकार ने भारत-चीन सीमा से लगे तीन गांवों को आदर्श गांवों के रूप में विकसित करने के लिए एक प्रायोगिक पहल शुरू की है. मेन ने कहा कि ये तीन गांव काहो, किबिथू, और मेशाई हैं. उपमुख्यमंत्री मेन आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर यहां एक परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2021-22 के बजट में इन गांवों के विकास के लिए 30 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे. मेन ने कहा, ‘हम सीमावर्ती गांवों को अच्छी सड़क संपर्क, बिजली, पानी की आपूर्ति, स्वास्थ्य और शिक्षा प्रदान करके उनके व्यापक विकास के लिए काम करना जारी रखेंगे.’
सभी सकार कार्यक्रम अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेः डीप्टी सीएम
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सरकार न केवल बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा करके बल्कि दूर-दराज के इलाकों में सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करके सीमावर्ती क्षेत्रों का व्यापक विकास करे. उन्होंने कहा, ‘हमें दुर्गम सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आय-सृजन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी सरकारी कार्यक्रम अंतिम व्यक्ति तक पहुंचें.’
गांवों के विकास के लिए 16 करोड़ रुपयों की राशि मंजूर की गई
मेन के पास बिजली और जलविद्युत विभाग भी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 700 सीमावर्ती गांवों में 6,000 स्ट्रीट लाइट उपलब्ध कराने के लिए 16 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है. उन्होंने कहा, ‘हाल ही में, राज्य सरकार ने श्री श्री ग्रामीण विकास ट्रस्ट के साथ साझेदारी में क्रा दादी जिले के ताली क्षेत्र में आठ दूरदराज के गांवों का सौर विद्युतीकरण भी शुरू किया है.’
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