जानकारी के अनुसार सेना का एक एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) दो पायलटों समेत पांच सैन्य कर्मियों को लेकर शुक्रवार (21 अक्टूबर) को सुबह नियमित उड़ान पर निकला था. सुबह करीब 10 बजकर 43 मिनट पर तुतिंग कस्बे से लगभग 25 किलोमीटर दूर मिगिंग गांव के पास ये दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
सेना ने क्या कहा
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल ए. एस. वालिया ने बताया कि शुक्रवार (21 अक्टूबर) को शाम में चीन से लगी सीमा LAC से लगभग 35 किलोमीटर दूर घने जंगल वाले पर्वतीय इलाके में मौजूद दुर्घटनास्थल से सेना के चार अन्य जवानों के शव बरामद किए गए.
उन्होंने बताया कि मृतक सैन्य कर्मियों की पहचान पायलट मेजर विकास भांभू और मेजर मुस्तफा बोहरा, CFN टेक AVN (AIN) अश्विन के. वी., हवलदार (OPR) बिरेश सिन्हा और NK (PPR) रोहिताश्व कुमार के रूप में हुई है. अधिकारी ने कहा कि दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. इसके मामले में डिटेल जानकारी हासिल की जा रही है.
पायलट अनुभवी थे
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल ए. एस. वालिया ने कहा कि, "उड़ान के लिहाज से मौसम अच्छा था. पायलटों के पास ALH-WSI उड़ाने का 600 से अधिक घंटे का अनुभव था. वे लोग अब तक कुल 1,800 घंटे से अधिक उड़ान सेवाएं दे चुके थे. विमान को जून 2015 में सेना में शामिल किया गया था.”
उन्होंने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले हेलीकॉप्टर से हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) कक्ष को तकनीकी खराबी के बारे में आपात संदेश भेजा गया था. लेफ्टिनेंट कर्नल वालिया ने कहा, “दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए गठित ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ में इस पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा”.
अक्टूबर में क्रैश की दूसरी घटना
इसी महीने 8 अक्टूबर को भी अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सेना का एक चीता हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. वह सुबह के ही वक्त करीब 10:00 बजे एक नियमित उड़ान के दौरान क्रैश हो गया था. चीता चॉपर में दो पायलट सवार थे.
क्रैश होने के बाद दोनों को निकालकर नजदीकी सेना के अस्पताल में पहुंचाया गया था, लेकिन गंभीर रूप से जख्मी पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल सौरभ यादव ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
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