नई दिल्ली: अरूणाचल प्रदेश के जिन छह स्थानों का हाल ही में चीन ने नाम बदला है, उनका दलाई लामा या तिब्बत से कुछ न कुछ संबंध है. यह बात चीनी मामलों के एक विशेषज्ञ ने कही है. इस बीच दलगत राजनीति से उपर उठकर नेताओं और आम लोगों ने चीन की ओर से अरूणाचल प्रदेश के छह स्थलों के नाम बदलने की निंदा की है.
भारत को अपनी भारी नाराजगी दिखाने का एक तरीका मात्र है
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में चाइनीज स्टडीज के प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने बताया कि यह दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश स्थित तवांग मठ की यात्रा करने देने और वहां धार्मिक सभाओं को संबोधित करने देने के लिए ‘भारत को अपनी भारी नाराजगी दिखाने का एक तरीका मात्र है.’
चीन ने इस सप्ताह गुलिंग गोंपा को नया नाम वोग्येनलिंग दिया है
चीन ने इस सप्ताह गुलिंग गोंपा को नया नाम वोग्येनलिंग दिया है. यह इलाका तवांग के बाहरी क्षेत्र में स्थित है. छठे दलाई लामा का जन्म यहीं हुआ था. उपरी सुबानसिरी जिले में स्थित देपोरीजो का नाम मीला री रखा गया है. यह सुबानसिरी नदी के पास स्थित है, जो कि अरूणाचल की प्रमुख नदियों में से एक है और ब्रह्मपुत्र की एक बड़ी सहायक नदी है.
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स्थान का इस्तेमाल लोग तिब्बत से भारत में दाखिल होने के लिए करते आए हैं
कोंडापल्ली ने कहा कि इस स्थान का इस्तेमाल लोग तिब्बत से भारत में दाखिल होने के लिए करते आए हैं. यह एक ऐसा गलियारा है, जिसमें कई साल से दोनों ही ओर सैन्य मौजूदगी नहीं दिखी है. उन्होंने कहा कि भारी सैन्य मौजूदगी वाले मेचूका का नाम बदलकर मेनकूका करना दरअसल रणनीतिक रूप से अहम स्थान पर स्थित इस क्षेत्र पर भारत के दावे को चुनौती देना है.
भारतीय वायुसेना ने यहां आधुनिक लैंडिंग ग्राउंड बना रखा है
भारतीय वायुसेना ने यहां आधुनिक लैंडिंग ग्राउंड बना रखा है. यह पश्चिमी सियांग जिले में है. बुमला वह जगह है, जहां दलाई लामा अरूणाचल प्रदेश की चार से 13 अप्रैल तक की यात्रा के दौरान पहले ठहराव के तहत रके थे. इसका नाम चीन ने बदलकर बुमोला कर दिया गया है. कोंडापल्ली ने कहा कि इस क्षेत्र पर वर्ष 1962 में चीनी सैनिकों ने हमला किया था. उन्हें भारतीय सेना ने खदेड़ दिया था.
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नमाका चू क्षेत्र का नाम बदलकर नमकापब री कर दिया गया
नमाका चू क्षेत्र का नाम बदलकर नमकापब री कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पन बिजली की अपार संभावनाएं हैं. चीन ने छठे स्थान का नाम बदलकर कोइदेनगारबो री कर दिया है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह नाम किस क्षेत्र का रखा गया है. कोंडापल्ली का कहना है कि इन क्षेत्रों में कृषि और मत्स्य पालन तथा पन बिजली की अपार संभावनाएं हैं.
क्षेत्र चीन के अधिकार में हैं लेकिन भारत इन पर दावा करता है
उन्होंने कहा कि ये सभी स्थान उस समय प्रमुख तौर पर नजरों में आए थे जब 1980 के दशक में कई चीनी रणनीतिक विद्वानों ने इनके बारे में लिखना शुरू कर दिया था. कोंडापल्ली ने कहा कि भारत अक्साई चीन और मानसरोवर इलाकों का नाम बदलकर चीन पर पलटवार कर सकता है. ये क्षेत्र चीन के अधिकार में हैं लेकिन भारत इन पर दावा करता है.
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बीजिंग का नाम मुंबई कर देने से चीन की राजधानी भारत का हिस्सा नहीं हो जाएगी
इस बीच चीन की ओर से अरूणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदले जाने को लेकर स्थानीय नेताओं ने बीजिंग पर निशाना साधा है. ‘अरूणाचल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज’ के अध्यक्ष तार नाचुंग ने आज कहा कि क्या बीजिंग का नाम मुंबई कर देने से चीन की राजधानी भारत का हिस्सा हो जाएगी.