अरुणाचल प्रदेश: उफान पर सियांग नदी, बाढ़ का खतरा बढ़ा, लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के निर्देश
सियांग नदी के किनारे बसे जारकु,पागलेक, एस.एस मिशन, बासंकटा, जारकोंग और बेरुंग गांव के लोगों को सतर्क रहने के साथ ही सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए कहा गया है.
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसके बाद राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. सुबह नदी का जल स्तर 154.12 से उपर था. बाढ़ के खतरे को देखते हुए लोगों को सुरक्षिच जगहों पर जाने को कहा गया है. अरुणाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है.
सियांग नदी का जल स्तर 154.12 है
प्रादेशिक क्षेत्र के भीतर से निकलने वाली सियांग नदी में सियोम, सिमंग, यमन, सीकू आदि नदी भी शामिल होती हैं. जल स्तर बढ़ने की वजह से पूर्वी सियांग के जिला प्रशासन ने डाउनस्ट्रीम क्षेत्र में रहने वाले लोगों को मछली पकड़ने और ड्रिफ्टवुड संग्रह आदि के लिए सियांग नदी में और उसके आसपास नहीं जाने के निर्देश दिए हैं. आज सुबह सियांग नदी का जल स्तर खतरे के निशान 153.96 से उपर बह रहा था. सुबह नौ बजे स्थानीय जल संधाधन विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार सियांग नदी का जल स्तर 154.12 है.
सियांग नदी के किनारे बसे जारकु,पागलेक, एस.एस मिशन, बासंकटा, जारकोंग और बेरुंग गांव के लोगों को सतर्क रहने के साथ ही सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए कहा गया है. साथ ही इस दौरान नदी से जलावन की लकड़ी पकड़ने और नदी के किनारे नहीं जाने की भी सख्त हिदायत दी गई हैं.
हम सतर्क हैं इसलिए सब कुछ ठीक होना चाहिए- जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी
ईस्ट सियांग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी गेनडेन सुमो ने बताया है, "यहां 2 हफ्ते से बारिश हो रही है. सभी को सलाह दी गई है कि सियांग नदी या किसी भी जलधारा के पास न जाएं. डब्ल्यूआरडी विभाग के अनुसार इसके और भी बढ़ने की उम्मीद है. हम तैयार हैं, हम सतर्क हैं इसलिए सब कुछ ठीक होना चाहिए.’’
यह देखा गया है कि सियांग नदी का प्रवाह कोमोलीघाट के दाहिने किनारे की ओर मुड़ रहा है और जरकू में दाहिने किनारे को खराब कर रहा है, जिससे पासीघाट हवाई अड्डे और जरकोंग, बंसकाटा और बेरुंग क्षेत्रों सहित पासीघाट शहर के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो गया है. नदी के बाएं किनारे पर बोरगुली, सेराम, कोंगकुल, नेम्सिंग, गादुम और मेर गांवों सहित निचले मेबो क्षेत्र में नदी का बढ़ता पानी भी बड़े पैमाने पर कटाव का खतरा पैदा कर रहा है.