Tawang First Movie Hall: अरुणाचल प्रदेश के तवांग को अपना पहला मूवी हॉल शनिवार को एक स्टार्ट-अप के साथ मिला, जो समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर तनावपूर्ण भारत-चीन सीमा के करीब है. इस सिनेमा हॉल में 80 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. तवांग के मशहूर होटल गकई खांग जहांग में ये पहला सिनेमा हॉल खुला है. भारत चीन सीमा के करीब भारी किलेबंद शहर में इस सिनेप्लेक्स को जादू मीडिया सॉल्यूशन के द्वारा बनाया गया है. इस सिनेमा हॉल में महिला कर्मचारियों को रखा गया जो इसे और विशेष बनाता है.
टिकट की कीमत सिर्फ 100 रुपये
तवांग के पहले मूवी हॉल में टिकट की कीमत सिर्फ 100 रुपये है. फर्स्ट डे फर्स्ट शो का अनुभव लेने आए लोग काफी खुश दिखे. दर्शकों का कहना है कि यहां सुविधाएं बहुत अच्छी हैं और यहां मूवी देखकर बहुत अच्छा लगा. बैठने की व्यवस्था से लेकर कॉफी शॉप और शौचालय तक सब कुछ ठीक है. युवा इसे मनोरंजन के साथ-साथ नौकरी के अवसर के रूप में भी देख रहे हैं. इस सिनेमा का अनुभव लेने आये एक युवा ने बताया कि यहां जो सिनेमा हॉल खुला है वह बहुत ही सस्ते दाम पर है. इसके साथ ही हमें नौकरी का अवसर भी मिल रहा है क्योंकि मूवी हॉल चलाने के लिए हमें काफी मैनपावर की जरूरत होती है.
35 लाख की लागत से मूवी हॉल
जादू मीडिया के संस्थापक प्रबंध निदेशक राजीव नेहरा का कहना है कि इस देश में 110 करोड़ लोग हैं जिन्होंने 'फर्स्ट डे फर्स्ट शो' को कभी अनुभव नहीं किया है और यही 110 करोड़ लोग इस सिनेमा उद्योग को बदल सकते हैं. हमने एक ऐसा सिनेमा बनाया जो तीन महीने में पूरा हो जाता हैं. 35 लाख रुपये की लागत में यह बन जाता हैं. जिसकी टिकट 100-125 रुपये रहती हैं, जहा पॉपकॉर्न सिर्फ 50 रुपये में मिल जाते हैं.
तवांग में पहला सिनेमा हॉल
अरुणाचल प्रदेश में वर्तमान में मुश्किल से तीन या चार सिनेमाघर हैं, जिनमें से एक ईटानगर में है लेकिन तवांग में एक भी नहीं है. राजीव नेहरा ने बताया कि हम तवांग से शुरू कर के बाकी देश में विस्तार करेंगे. पूरे उत्तर पूर्व (northeast) में हम 2022 में कम से कम 20 -22 स्क्रीन्स बनवा देंगे. अभी तवांग में खुल गया हैं इस साल क्रिसमस तक बोमडिला का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
2006 में, अरुणाचल प्रदेश अपनी पहली फीचर फिल्म 'सोनम' के साथ भारतीय सिनेमा की लीग में शामिल हो गया. फिल्म की शूटिंग तवांग शहर में हुई है. हालांकि, विडंबना यह है कि स्थानीय लोग लैपटॉप और कॉन्फ्रेंस हॉल के प्रोजेक्टर पर फिल्में देखने पर निर्भर थे. 2020 की शुरुआत में पहले लॉकडाउन के बाद प्रोजेक्टर में फिल्में देखना भी बंद हो गया है. तवांग में 336 साल पुराना बौद्ध मठ भी है, जो भारत में सबसे बड़ा और तिब्बत के ल्हासा में पोटाला पैलेस के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ है.