India-China Clash: अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास संपर्क सुविधा सुधारने के लिए सरकार ने क्षेत्र में और मोबाइल टावर लगाने का फैसला किया है. तवांग जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार (21 दिसंबर) को यह जानकारी दी. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुए संघर्ष के बाद यह फैसला किया गया है.
तवांग के उपायुक्त के. एन. दामो ने बताया कि बीएसएनएल (BSNL) और भारती एयरटेल (India Airtel) ‘कनेक्टिविटी’ में सुधार के लिए 23 नए मोबाइल टावर लगाएंगे. दामो ने कहा, ‘‘मौजूदा टावर वांछित सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं, जिससे न केवल रक्षा बलों बल्कि सीमा पर रहने वाले नागरिकों को भी परेशानी हो रही है.’’
उन्होंने कहा कि पहले सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल नेटवर्क नहीं थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है और बुम-ला तथा वाई-जंक्शन पर भी लोग इंटरनेट व मोबाइल सेवाओं का आनंद ले रहे हैं, लेकिन इसमें और सुधार की आवश्यकता है.
43 नए टावर लगवाने का अनुरोध
दामो ने कहा, ‘‘इसमें (टावर लगाने के काम में) रक्षा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है. हालांकि मागो, चूना और निलिया (जेमिथांग के पास) जैसे नागरिक क्षेत्रों को भी नजरअंदाज नहीं किया गया है.’’ उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने 43 नए टावर लगाने का अनुरोध किया था.
अधिकारी ने कहा कि नए टावर लगाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, लेकिन सर्दी का मौसम एक चुनौती बन गया है जिससे इसमें थोड़ा विलंब हो सकता है. जिले के पहाड़ी इलाकों में पहले ही बर्फबारी हो रही थी, जबकि शहर में रविवार (18 दिसंबर) रात पहली बार बर्फबारी हुई और तापमान शून्य से नीचे तीन डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया.
भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई थी झड़प
भारत-चीन के बीच सीमा विवाद लगातार बढ़ता नजर आ रहा है. कुछ दिन पहले 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Predesh) के तवांग (Tawang) जिले में भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक हिंसक झड़प देखने को मिली थी. चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. लेकिन, बात तवांग की हो, डोकलाम (Doklam) की या फिर लद्दाख (Laddakh) की, चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है.
बीते कुछ वर्षों में भारतीय सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ काफी बढ़ गई है. भारत के लिए मुख्य चिंता का कारण चीन के साथ लगती करीब 4000 किमी की सीमा है. जो लद्दाख से शुरू होकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक आती है. इस सरहद के लिए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल भी अभी तक तय नहीं की जा सकी है. क्योंकि, तवांग, डोकलाम और लद्दाख की तरह ही कई जगहों पर चीन के साथ भारत का सीमा विवाद है.
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