नई दिल्लीः आज संविधान दिवस के मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 4 साल में दिल्ली में हमने बाबा साहेब के लिखे संविधान के हिसाब से काम करने की कोशिश की है. हमारे काम में कई अड़चनें आईं क्योंकि दिल्ली में संविधान को पूरी तरह लागू नही करने दिया जा रहा है.
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में दिल्ली सरकार के एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ये बात कही. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में संविधान के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में Constitution at 70 नाम के करिकुलम को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था. 3 महीने तक चले इस कार्यक्रम में बच्चों को संविधान की प्रस्तावना और संविधान द्वारा ज़िन्दगी जीने के मौलिक अधिकारों के बारे में पढ़ाया गया. इसी कार्यक्रम के समापन समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए.
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "पिछले 5 साल से हम दिल्ली में बाबा साहेब के लिखे संविधान के मुताबिक ही काम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बराबरी के अधिकार की बात की थी. शिक्षा के क्षेत्र में हमने समान शिक्षा का अधिकार दिलाया है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में गैर बराबरी थी अब सरकारी अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा मिल रही है. जीने के अधिकार के तहत फरिश्ते स्कीम निकाली है. गरीबी दूर करने के लिए सरकार बहुत काम कर रही है."
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दिल्ली सरकार के कामों में बाधा डालने की ओर इशारा करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "अगर हमारे देश का संविधान केवल एक दिन के लिए ईमानदारी से लागू कर दिया जाए तो हमारे देश को नम्बर 1 बनने से कोई नहीं रोक सकता. पिछले 5 साल से दिल्ली सरकार को इसी संविधान के हिसाब से चलाने की कोशिश कर रहे हैं और नतीजे आपके सामने हैं. हमारे काम में कई अड़चनें आईं क्योंकि दिल्ली में संविधान को पूरी तरह लागू नहीं करने दिया जा रहा है."
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दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "दिल्ली के स्तर पर जो बन सकता है हम कर रहे हैं. कोर्ट, NGT और जनता सभी मानते हैं कि सिर्फ दिल्ली सरकार ही कदम उठा रही है. लेकिन अगर बाहर के राज्यों से पराली का धुआं आ रहा है और वहां की सरकारें कुछ नहीं करेंगी तो दिल्ली के लोग बेचारे क्या करेंगे."