Opposition Meeting: 'अगर कांग्रेस ने नहीं दिया समर्थन तो...', विपक्ष की बैठक से पहले अध्यादेश पर AAP का अल्टीमेटम, जवाब भी मिला
Opposition Meeting: बिहार के पटना में शुक्रवार (23 जून) को विपक्षी दलों की मीटिंग होनी है. बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेता शामिल होंगे.

Opposition Meeting: बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में एकजुट होने की कोशिशों में लगे विपक्षी दलों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (23 जून) को पटना में बुलाई है. इसी बीच एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश का मामला मीटिंग में उठाएंगे.
आप के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अगर अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल का समर्थन करने का ऐलान नहीं करती है तो वो मीटिंग से वॉकआउट कर सकते हैं.
कांग्रेस ने क्या कहा?
आप के रुख पर कांग्रेस के उच्च सूत्रों का कहना है कि पार्टी किसी दबाव में नहीं आएगी. पटना की बैठक में लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर है जिसमें निर्धारित एजेंडे पर बात होगी.
कांग्रेस पहले ही साफ कर चुकी है दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले को लेकर जारी केंद्र सरकार के अध्यादेश वाला बिल जब संसद सत्र में आएगा तभी इस पर रणनीति बनाई जाएगी. हालांकि पार्टी सूत्रों का संकेत साफ है कि संसद में कांग्रेस अध्यादेश का विरोध करेगी.
अरविंद केजरीवाल की क्या मांग है?
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि कांग्रेस अपनी राय जाहिर करें. केजरीवाल इस बात से भी नाराज हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें अब तक मिलने का समय नहीं दिया है, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व पंजाब और दिल्ली के अपने नेताओं की नाराजगी के कारण केजरीवाल के साथ नजर आने से बच रहा है.
केजरीवाल विपक्षी दलों को लेटर लिखकर भी रुख स्पष्ट करने को कह चुके हैं. उन्होंने अपने लेटर में लिखा था कि वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 33 राज्यों में उपराज्यपालों और राज्यपालों के माध्यम से शासन चलाएंगे. ऐसे में मैं सभी दलों से अनुरोध करता हूं कि वे अध्यादेश को संसद में पारित नहीं होने देने की रणनीति पर चर्चा करें.
अरविंद केजरीवाल का समर्थन कौन-कौन कर रहा है?
आप नेता केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं. इस दौरान सभी नेताओं ने कहा कि वो अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन करेंगे.
मामला क्या है?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास है. इसके बाद केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई. बीजेपी ने दलील दी कि दिल्ली देश की राजधानी है तो ऐसे में यह जरूरी है.
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