हैलो- 35 लाख ले लो, बीजेपी ज्वाइन करलो.. AAP नेताओं को नितिन गडकरी-अरुण जेटली के ऑफिस से आई कॉल की क्या है सच्चाई?
Paramjit Singh Katyal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लग रहा है कि 2013 के चुनाव के वक्त उन्होंने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों को ब्लैकमेल करने के फोन कॉल कराए थे.
Delhi Politics: दिल्ली (Delhi) के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने हाल में आरोप लगाया कि उन्हें ऐसे संदेश मिले हैं जिनमें उनसे बीजेपी (BJP) ज्वाइन करने के लिए पूछा गया है. इस विवाद के बीच अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के साथ चार साल तक काम करते रहे परमजीत सिंह कात्याल (Paramjit Singh Katyal) का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने केजरीवाल पर अपनी ही पार्टी के नेताओं के ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है. इसे लेकर आप के पूर्व नेता और स्वराज स्वराज इंडिया के बैनर तले किसानों की आवाज उठा रहे योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने भी चुप्पी तोड़ी है. आखिर क्या है मामला और इसकी हकीकत, आइये जानते हैं.
योगेंद्र यादव ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक वीडियो शेयर करते हुए आप से मोहभंग की वजह बताई है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''परमजीत जी ने 7 साल पहले इस घटना के बारे में मुझे जानकारी दी थी. तब मैंने पूछताछ की और पाया कि उनकी बात पूरी तरह सच है. अरविंद केजरीवाल के आदेश पर दिसंबर 2013 में अपने ही MLA को बीजेपी के नाम पर फोन करवाए गए थे. ऐसी करतूतों के कारण हम लोगों का AAP नेतृत्व से मोहभंग हुआ था.''
क्या कहा परमजीत सिंह कात्याल ने
दरअसल, हरियाणा आम आदमी पार्टी के महासचिव के तौर पर काम करते रहे परमजीत सिंह कात्याल ने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि अरविंद केजरीवाल के कार्यालय से मिले निर्देश पर उन्होंने 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आप नेताओं को झूठे कॉल किए थे. उन्होंने बताया कि उनसे कहा गया है कि कुछ जिताई आप उम्मीदवार बीजेपी में जा सकते हैं इसलिए पार्टी को बचाने के लिए नेताओं को कॉल करके पता लगाना है. इसके लिए एक लिस्ट और दो इंटरनेशनल सिम कार्ड उपलब्ध कराए गए थे. परमजीत सिंह कात्याल ने बताया कि तब उन्होंने दिल्ली की सीमा से आप के जिताऊ उम्मीदवारों को बीजेपी नेता नितिन गडकरी और अरुण जेटली के ऑफिस से बताते हुए कॉल की थी और उन्हें बीजेपी ज्वाइन करने के लिए 35-35 लाख रुपये के ऑफर की बात कॉल में कही थी.
इसी के साथ परमजीत सिंह कात्याल ने सफाई दी कि उस समय वह देश बदलने की राह पर चल रहे थे और उन्हें इन छल-कपटों के बारे में ज्यादा मालूम नहीं था, इसलिए यह काम किया था.
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