दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने दोनों के खिलाफ मानहानि मामले में निचली अदालत में जारी सुनवाई पर रोक लगा दी है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कड़ी टिप्पणी की. बेंच ने कहा, हमें देखना होगा कि मानहानि क्या है और इस तरह के राजनीतिक बयानों की लक्ष्मण रेखा क्या है?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि संविधान लोगों को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता देता है. लेकिन राजनीतिक बयानों की भी एक मर्यादा रेखा होनी चाहिए. राजनीतिक बयानों के लिए आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करने की सीमा ऊंची रखनी जरूरी है.

क्या है मामला?


दरअसल, ये मानहानि केस अरविंद केजरीवाल और अतिशी द्वारा 2018 में दिए बयान को लेकर दर्ज कराया गया. तब अतिशी और केजरीवाल ने बीजेपी पर 30 लाख वोटरों के नाम काटने का आरोप लगाया था.   

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद करेगा. हालांकि, कोर्ट ने केजरीवाल और अतिशी को बड़ी राहत देते हुए तब तक निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. यानी अब उन्हें 3 अक्टूबर को निचली अदालत में पेश नहीं होना होगा. इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और याचिकाकर्ता से भी जवाब मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसने क्या कहा?


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आतिशी और केजरीवाल के लिए पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये केस राजीव बब्बर ने दाखिल किया है, बीजेपी ने नहीं. राजनीति में इस तरह के बयान दिए जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले शशि थरूर को भी राहत दी थी. इस पर बेंच ने कहा, लेकिन आपके (आतिशी-केजरीवाल के) बयान में गंभीरता का अभाव है. 


इस पर सिंघवी ने कहा, यह मानता हूं. सबका तरीका अलग होता है पर इस मामले में राजीव बब्बर की मानहानि किसी तरह नहीं हुई. उन्हें पीड़ित नहीं कहा जा सकता. इस पर कोर्ट ने कहा, हम यह देखना चाहेंगे कि क्या बब्बर को बीजेपी की तरफ से केस के लिए अधिकृत किया गया है? सिंघवी ने बब्बर की याचिका से कुछ अंश पढ़े. सिंघवी ने कहा, बीजेपी हमारे बयानों के बावजूद (2019 में) दिल्ली की सातों सीट जीत गई थी.


सिंघवी ने जो अंश पढ़ा, उसमें दिल्ली बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष मनोज तिवारी की तरफ से बब्बर को याचिका की अनुमति दिए जाने की बात कही गई है. उन्होंने कोर्ट में बताया कि 3 अक्टूबर को निचली अदालत ने पेश होने कहा है. इस पर रोक लगना जरूरी है.

दिल्ली बीजेपी ने क्या दिया जवाब?


दिल्ली बीजेपी की तरफ से पेश वकील सोनिया माथुर ने कहा, हम समय की कमी के चलते जवाब दाखिल नहीं कर पाए हैं. अभी कोर्ट को सौंप रहे हैं. इस पर कोर्ट ने कहा, यह गलत है. हमने आपके कहने पर सुनवाई टाली थी. खैर, आप अपनी बात रखिए. माथुर ने कहा, यह कहना गलत है कि शिकायत बब्बर ने दाखिल की है. यह दिल्ली बीजेपी की शिकायत है. उन्होंने पार्टी के लिए इसे फाइल किया. 


इस पर कोर्ट ने कहा, क्या जिस बयान से आप पीड़ित हैं, वह राजनीतिक बयान नहीं है?


इस पर सोनिया माथुर ने कहा, बिल्कुल राजनीतिक बयान है. लेकिन हमारे बारे में यह कहना कि हम दिल्ली से अग्रवाल समाज और दूसरे लोगों के लाखों वोट कटवा रहे हैं, मानहानि भरी बात है. इस बयान को बार-बार आप के नेताओं ने दोहराया. यह कहा कि हमारे बड़े नेता सच बोल रहे हैं. बीजेपी नोटबंदी के बाद अग्रवाल समाज से डरती है, इसलिए उनके 4 लाख वोट कटवाए. पूर्वांचली लोगों से नफरत करती है इसलिए उनके 15 लाख वोट कटवाए. अगर हमारी पार्टी के किसी समर्थक ने शिकायत की होती तो सिंघवी की दलील समझ सकते थे. यहां जिस पार्टी की मानहानि हुई है, उसके एक नेता ने पार्टी के निर्देश पर शिकायत दर्ज कराई है.