Arvind Kejriwal Arrested: क्या जेल से सरकार चला पाएंगे केजरीवाल? तिहाड़ के पूर्व जेलर की बात ध्यान से पढ़ लीजिए
Arvind Kejriwal News: तिहाड़ जेल के पूर्व जेलर सुनील गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर जेल से सरकार चलाने में अरविंद केजरीवाल को दिक्कत होगी और जेल प्रशासन को भी सिक्योरिटी कंसर्न्स होंगे.
दिल्ली के आबकारी घोटाला मामले (Delhi Excise Policy Case) में गुरुवार (21 मार्च) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी के बाद एक चर्चा बहुत तेजी से हो रही है कि क्या वह जेल से ही सरकार चलाएंगे. आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं का कहना है कि अरविंद केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे और मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे. दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली की मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे. तिहाड़ जेल के पूर्व जेलर सुनील गुप्ता का इस पर कहना है कि वैसे तो कानूनी रूप से इसे लेकर कोई रोक नहीं है, लेकिन प्रैक्टिकली ऐसा हो पाना मुश्किल है.
सुनील गुप्ता जेलर के अलावा कानून अधिकारी भी रह चुके हैं और अब वकील के तौर पर काम कर रहे हैं. एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'कानूनी तौर पर तो इसे लेकर कोई रोक नहीं है, लेकिन वैसे कॉम्पलीकेशंस बहुत होंगे. रोज फाइलें लेकर लोग अरविंद केजरीवाल के पास आएंगे, बातचीत करेंगे, फाइलों पर साइन करवाएंगे. जेल का कानून कहता है कि आप एक हफ्ते में अंडर ट्रायल शख्स की दो बार मुलाकात करवा सकते हैं. तो दो बार में तो इतनी फाइलों पर साइन हो नहीं सकतीं. मुख्यमंत्री का काम इतना ज्यादा होता है कि कितनी बार लोगों को उनके पास आना पड़ेगा.'
jएलजी से लेनी होगी इजाजत, बोले सुनील गुप्ता
सुनील गुप्ता ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि जेल प्रशासन सिक्योरिटी को लेकर कोई रिस्क लेगा और सातों दिन इनके ऑफिस के लोगों को मुलाकात करवाएंगे. मुझे नहीं लगता कि ये फिजीबल हो पाएगा. जेल की सिक्योरिटी सुपरिटेंडेंट जेल का कनर्सन होता है और उसमें पक्की बात है कि सातों दिन इनके लोग आ रहे हैं, मिल रहे हैं और फाइलें साइन करवा रहे हैं तो जेल की सिक्योरिटी कंप्रोमाइज होगी. '
पूर्व जेलर सुनील गुप्ता ने यह भी कहा कि जेल मैनुअल में लेफ्टिनेंट गवर्नर को सुप्रीमेसी दी हुई है. जेल से मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने के लिए एलजी इजाजत देंगे. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि एलजी अरविंद केजरीवाल को जेल से सीएम के तौर पर काम करने की इजाजत दें. इसमें प्रशासनात्मक रूप से तो दिक्कत है ही सिक्योरिटी इशू भी हैं.'
केजरीवाल जेल से काम करेंगे तो जेल की सिक्योरीटी होगी कोंप्रोमाइज, पूर्व जेलर ने कहा
सुनील गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर जेल में है तो उसे काफी सारी सिक्योरिटी देनी पड़ती है. अगर वह बार-बार फाइलें साइन करने के लिए अपनी से बार-बार निकल कर बाहर आएंगे तो उनके लिए भी ठीक नहीं है. जेल और कैदी की सिक्योरिटी जेलर का सबसे पहला कंसर्न होता है. अगर अरविंद केजरीवाल जेल से काम करते हैं तो उनकी और जेल की दोनों की सिक्योरिटी कोंप्रोमाइज होगी.
हाई प्रोफाइल कैदियों के लिए वीआईपी सेल के सवाल पर सुनील गुप्ता ने बताया कि उनक पर्सनल एक्सपीरिंयस है कि जो भी जेल में आता है उसकी तीन डिमांड होती है. रोटी, कपड़ा और मकान. उनकी डिमांड होती है कि अलग सेल मिले और वीआईपी सेल में वो रहें. रोज घर से कपड़े आएं और खाना आए. जेल की रोटी तो कोई नहीं खाना चाहता.
किस सेल में रखा जा सकता है अरविंद केजरीवाल को?
अरविंद केजरीवाल को किस सेल में रखा जा सकता है, इस सवाल के जवाब में सुनील गुप्ता ने कहा, 'जेल मैनुअल में है कि सिक्योरिटी रिस्क प्रिजनर को सेल में रखा जाता है, जो पूरी तरह से सुरक्षित हो और इसका फैसला जेलर ही करता है. मेरा एक्सपीरियंस कहता है कि इस तरह के प्रिजनर को जेल नंबर एक में रखा जाता है. वैसे तो कोई वीआईपी सेल नहीं होती, लेकिन थोड़ी ज्यादा स्पेस वाली सेल होती हैं, जिन्हें वाआईपी सेल माना जाता है. जहां ऐसे सिक्योरिटी रिस्क या हाई प्रोफाइल कैदियों को रखा जाता है और अरविंद केजरीवाल को भी वहीं पर रख सकते हैं.'
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