Arvind Kejriwal News: दिल्ली के शराब नीति घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. क्या केजरीवाल सीएम बने रहेंगे और जेल में रहते हुए सरकार चला सकते हैं, क्या वह पहले सीएम हैं जिनकी पद पर रहते हुए गिरफ्तारी हुई और क्या अरविंद केजरीवाल को आसानी से बेल मिल जाएगी. 


एबीपी लाइव हिंदी के साथ बातचीत में दिल्ली हाईकोर्ट के वकील एके सिंह ने बताया कि अब आगे क्या होगा. उन्होंने कहा, 'प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 50 के तहत अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है. आज ईडी केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करेगी और कस्टडी में लेने की कोशिश करेगी. कस्टडी में केजरीवाल से सख्ती से पूछताछ की जाएगी और जो लोग इस मामले में आरोपी हैं, चाहे मनीष सिसोदिया हों, संजय सिंह हों या तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता हों, सबको पेश किया जाएगा और आपस में बात कराई जाएगी, सबूत दिखाए जाएंगे.'


क्या केजरीवाल को मिल जाएगी बेल?
PMLA 2002 कानून के तहत जमानत मिलना बेहद मुश्किल होता है. यह कानून साल 2002 में लाया गया और 2005 में पारित हो गया. इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है. इस कानून के तहत सारे अपराध गैर-जमानती हैं और इसमें अग्रिम जमानत का प्रावधान भी नहीं है. इसके तहत, गिरफ्तार शख्स को साबित करना होता है कि उस पर लगे आरोप बेबिनुयाद हैं.

केजरीवाल की बेल के सवाल पर एके सिंह ने कहा, 'मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में हैं. इन लोगों ने राउज एवेन्यू कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पेटीशन फाइल की, लेकिन इन्हें कोई रिलीफ नहीं मिली है. इस वजह से मुझे ऐसा लगता है कि बेल मिलना तो बहुत दूर की चीज है. अभी तो केजरीवाल को कई तरह की जांच से गुजरना होगा,' एडवोकेट एके सिंह ने कहा, 'अभी तो शराब नीति मामले की जांच हो रही है, लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग के बहुत सारे केस हैं. दिल्ली जल बोर्ड का घोटाला भी सामने आया है. अभी कई परिशानियां उनके सामने हैं. वह गिरफ्तारी से बच भी नहीं सकते थे क्योंकि इनके खिलाफ ईडी के पास पर्याप्त सबूत थे.'


यह दो महीने में दूसरा मामला है जब किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई है. पिछले महीने ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मनी लॉन्ड्रिंग मामले मे गिरफ्तारी हुई थी. हालांकि, गिरफ्तारी के समय वह सीएम पद पर नहीं थे. वह पहले ही इस्तीफा दे चुके थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मुख्यमंत्री रहते हुई है तो सवाल ये है कि क्या वह दिल्ली के सीएम पद पर बने रहेंगे. आइए जानते हैं इस पर कानून क्या कहता है.


क्या जेल से दिल्ली की सरकार चलाएंगे अरविंद केजरीवाल?
जेल में रहकर सरकार चलाना वैसे देखा जाए तो प्रैक्टिली मुश्किल है, लेकिन ऐसा कोई कानून भी नहीं है जो मुख्यमंत्री को ऐसा करने से रोके. कानून के अनुसार, किसी मुख्यमंत्री को तभी पद से हटाया जा सकता है अगर उस पर दोष सिद्ध हो जाता है. यानी किसी मामले में अगर मुख्यमंत्री पर लगे आरोप सही साबित हो जाते हैं तो वह अयोग्य हो जाता है और फिर उसको पद छोड़ना पड़ेगा. रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 में कुछ अपराधों के लिए अयोग्यता के प्रावधान हैं, लेकिन वो तभी हैं जब पद संभाल रहे व्यक्ति को सजा हुई हो. अगर कोर्ट ने दोषी करार देकर सजा सुना दी है तो इस एक्ट के तहत वह डिस्क्वालिफाई हो जाता है.


क्या मुख्यमंत्री के लिए गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन के लिए कानून है?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि उन्हें ईडी के सामने पेश होना होगा और गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन नहीं है. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उन्होंने कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. ईडी ने 9 बार समन भेजकर केजरीवाल को पेश होने के लिए बुलाया था, लेकिन वह पहुंच नहीं रहे थे. उन्होंने हाईकोर्ट से प्रोटेक्शन मांगी थी कि अगर वह ईडी के सामने पेश हों तो उनको गिरफ्तार न किया जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और कहा कि उन्हें ईडी के सामने पेश होना पड़ेगा. 


सिर्फ राष्ट्रपति और राज्यपाल को गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन
संविधान के आर्टिकल 361 में सिर्फ राष्ट्रपति और राज्यों के गवर्नर को गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन है, जब तक वह पद पर रहेंगे उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है. कानून में कहा गया है कि राष्ट्रपति और राज्यपाल अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में किए गए किसी भी कार्य के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं हैं.


क्या यह पहला मामला, जब सीएम रहते हुई केजरीवाल की गिरफ्तारी?
अरविंद केजरीवाल से पहले कई मामले ऐसे हैं, जब मुख्यमंत्रियों पर शिकंजा कस चुका है. हालांकि, यह पहला ऐसा केस है जब मुख्यमंत्री रहते हुए अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे. जयललिता, बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, इन सभी ने गिरफ्तारी से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.


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