नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के विवेक तिवारी हत्याकांड पर अब राजनीति शुरू हो गई. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना को सांप्रदायिक रंग देते हुए बीजेपी पर हमला बोला है. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे.


क्या बोले केजरीवाल?
अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, ''विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं? अपनी आँखों से पर्दा हटाइए. भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है. सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे.''





मनोज तिवारी ने किया पलटवार
केजरीवाल के हमले का दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने जवाब दिया है. मनोज तिवारी ने ट्विटर पर लिखा, ''आप कार्यकर्ता देख लो ओछी सोच अरविंद केजरीवाल की जिसके कोम्प्रोमाईज़ कर लो बोलने पर सोनी की मौत, संतोष कोहली की माता जी कसूरवार केजरीवल को सजा दिलाने के लिए लड़ रहीं हैं. विवेक तिवारी की हत्या हुई है,कसूरवार को सज़ा मिलेगी..हम उसके परिवार के साथ खड़े हैं.''




विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार आज
यूपी पुलिस की गोली का शिकार बने एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी का लखनऊ में अंतिम संस्कार किया जाएगा. विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार लखनऊ के बैकुंठ धाम भैंसा कुंड पर 9 बजे किया जाएगा.

यूपी सरकार ने किया नौकरी और मुआवजे का एलान
यूपी सरकार ने विवेक तिवारी के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी देने का एलान किया है, साथ ही कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच भी करवाएंगे. वहीं इस पूरी घटना से विवेक तिवारी की बेटी सरकार से बहुत नाराज हैं, उनका कहना है कि जो सरकार सुरक्षा नहीं दे सकती वो सरकार किस काम की?


विवेक की पत्नी की गुहार- जवाब दे सरकार
विवेक की पत्नी कल्पना ने कहा,"मेरी रात में डेढ़ बजे उनसे बात हुई थी. कल एपल फोन की लॉन्चिंग थी. वो लेट हो गए थे. सना को ड्रॉप करने गए थे. पौने तीन बजे मैंने फोन किया तो किसी ने कहा कि एक्सीडेंट हुआ है आप लोहिया पहुंचो."


उन्होंने कहा,"डॉक्टरों ने एक्सीडेंट की बात कही थी, गोली की बात नहीं बताई थी. मैं एक्सीडेंट वाली जगह पर गई, गाड़ी पर गोली के निशान थे. अगर उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी थी तो कौन सा क्राइम किया था कि गोली चलाई, मुझे योगी जी से जवाब चाहिए."


कल्पना ने कहा,"योगी जी ने कौन सा कानून पास कर रखा है, कौन सा लॉ एंड ऑर्डर बना रखा है, पुलिस कह रही है कि वो आपत्तिजनक हालत में थे. मैं ये कहती हूं कि वो हमारा आपसी मामला है. पुलिस कह रही है कि गाड़ी चढाने लगे, भागे तो एक्सीडेंट हो गया. मैटर कुछ भी था लेकिन गोली चलाने का अधिकार किसने दिया."


क्या है पूरी घटना?
कल शाम एपल कंपनी का बड़ा इवेंट था. कंपनी के दो फोन भारत में लॉन्च किए गए थे. ये फोन शाम छह बजे से बाजार में बेचे जाने शुरु हुए थे. विवेक तिवारी एपल कंपनी के एरिया मैनेजर थे. उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका था. वे रात में देर से ऑफिस से निकले. उनके साथ उनकी सहकर्मी सना भी थीं. वे सना को उसके घर छोड़ने के बाद अपने घर जाने वाले थे.


करीब डेढ़ बजे उन्होंने अपनी पत्नी से बात की उन्हें बताया कि फोन लॉचिंग की वजह से ऑफिस में देर हो गयी, इसीलिए वो अपनी सहकर्मी सना को घर छोड़ते हुए लौटेंगे. गोमतीनगर इलाके में अचानक दो पुलिसवालों ने उन्हें रोका, जिनमें से एक प्रशांत था.


प्रशांत ही वो सिपाही है जिसने गोली चलाई. आरोपी सिपाही के मुताबिक विवेक तिवारी ने बार-बार उस पर गाड़ी चढ़ाई इसलिए उसने पिस्टल निकाली लेकिन उस वक्त गाड़ी में मौजूद सना का बयान बिलकुल अलग है. आरोपी पुलिसवालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन इस घटना ने पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है.


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