Arvind Kejriwal Bail: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (13 सितंबर) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय जाने और फाइलों पर हस्ताक्षर करने पर उन पर प्रतिबंध जारी रहेगा. आप संयोजक के सुप्रीम कोर्ट में वकील अभिषेक मनु सिंघवी थे, जिन्होंने उनका पक्ष रखा.
दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाला के मामले में अभिषेक मनु सिंघवी अरविंद केजरीवाल का केस लड़ रहे हैं और उन्होंने ही पिछली बार भी उन्हें जमानत दिलवाई थी. इस बार भी दिल्ली सीएम को जमानत दिलाने के लिए वरिष्ठ वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दमदार और महत्वपूर्ण दलीलें दीं.
जानिए अभिषेक मनु सिंघवी की वो दमदार दलीलें
1. उन्होंने सीबीआई की ओर से की गई अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया. सीनियर एडवोकेट ने कहा कि सीएम केजरीवाल को जिन आधारों पर गिरफ्तार किया गया वो जनवरी के थे.
2. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 41ए में पूछताछ का नोटिस भेजे बिना ही गिरफ्तार कर लेना गैरकानूनी है. अरविंद केजरीवाल को सिर्फ जांच में सहयोग नहीं करने के आधार पर अरेस्ट किया गया, जो सही नहीं है.
3. उन्होंने ये भी कहा कि एफआईआर दर्ज होने के 8 महीने बाद दिल्ली के सीएम को पूछताछ के लिए बुलाया गया. पीएमएलए के तहत दोहरी शर्तों का प्रावधान है. इन सख्त नियमों के बाद भी हमारे पक्ष में दो फैसले हुए हैं.
4. वरिष्ठ वकील ने पुराने फैसलों का हवाला देते हुए आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने ही फैसलों में कह चुका है कि जमानत नियम और जेल अपवाद है.
5. इसके साथ ही ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर हैं, जमानत मिलने के बाद उनके भागने की संभावना नहीं है.