Delhi Excise Policy Case: 'केजरीवाल के साथ 50 लोगों को भी बनाएं सह-आरोपी... उनके भी तो साइन हैं', CBI की किस दलील पर कोर्ट में भड़क गए अभिषेक मनु सिंघवी
सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अरविंद केजरीवाल आबकारी घोटाले के सूत्रधार हैं और अगर उन्हें रिहा किया जाता है तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
दिल्ली आबकारी नीति मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) की दलीलों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस प्रक्रिया में शामिल 50 और लोगों को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए क्योंकि 15 लोगों ने भी फाइल पर साइन किए थे. उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जेल में रखने के मकसद से ही यह गिरफ्तारी की थी.
सोमवार (29 जुलाई, 2024) को सीबीआई के वकीलों की दलीलें सुनने बाद दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस नीना बंसल कृष्ण ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को आबकारी घोटाले का सूत्रधार बताया था. सीबीआई की दलीलों पर सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है और जांच एजेंसी ने उन्हें अनुमानों और कल्पनाओं के आधार पर गिरफ्तार किया था.
एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि आबकारी नीति एक संस्थागत निर्णय था, जिस पर कई समितियों से गुजरने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने भी हस्ताक्षर किए थे. उन्होंने कहा कि सीबीआई के लॉजिक से तो 50 और लोगों को भी सह-आरोपी बनाया जाना चाहिए. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, '15 अन्य लोगों ने भी इस पर हस्ताक्षर किए हैं. उपराज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं...सीबीआई के तर्क के अनुसार, इन लोगों को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए, जिनमें उपराज्यपाल और चीफ सेक्रेटरी समेत 50 नौकरशाह भी शामिल हैं.'
सीबीआई ने केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए उन्हें आबकारी घोटाले का सूत्रधार बताया और कहा कि अगर उन्हें रिहा किया जाता है तो वह गवाहों के प्रभावित कर सकते हैं. सीबीआई की ओर से पेश वकील डी.पी. सिंह ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बगैर जांच पूरी नहीं की जा सकती थी. सीबीआई ने एक महीने के अंदर आरोप पत्र दाखिल किया. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बाद सबूत मिले और केजरीवाल की पार्टी के कार्यकर्ता खुद जवाब देने के लिए सामने आए.’’
इससे एक दिन पहले सीबीआई ने मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक दुर्गेश पाठक समेत पांच अन्य के खिलाफ निचली अदालत में अपना अंतिम आरोपपत्र दाखिल किया. सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को तिहाड़ जेल से तब गिरफ्तार किया था जब वह पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दर्ज धनशोधन मामले में न्यायिक हिरासत में थे..
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