दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Mansih Sisodia) के जेल से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री (Delhi CM) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. दिल्ली आबकारी नीति मामले (Delhi Excise Policy Case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस मामले में ईडी की गिरफ्तारी में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन सीबीआई की गिरफ्तारी के चलते उनकी बेल नहीं हो सकी.


5 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी अरविंद केजरीवाल की सीबीआई की ओर से की गई गिरफ्तारी को वैध बताया था. कोर्ट ने कहा था कि न तो केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध है न ही बिना कारण है. दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. यह याचिका एडवोकेट विवेक जैन के जरिए दाखिल की गई थी. केजरीवाल की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के सामने याचिका का उल्लेख करते हुए कहा कि सेक्शन 45 (पीएमएल) के तहत तीन जमानत आदेश हैं और यह जमानत याचिका बिना सेक्शन 45 के है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने सीजेआई से कहा, 'ईमेल भेजिए.'


12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी केस में अरविंद केजरीवाल को यह कहते हुए अंतरिम जमानत दी थी कि वह 90 दिनों से जेल में बंद हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने से पहले ही 26 जून को सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था. इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को यह कहते हुए जमानत दी है कि वह 17 महीनों से जेल में बंद हैं और जल्द ट्रायल शुरू होने की कोई संभावना नहीं है.


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