सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है. सोमवार (12 अगस्त, 2024) को मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगे. दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) की गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल ने याचिका दाखिल की थी. अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तार में उन्हें पहले ही सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है. 


अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के समक्ष याचिका का उल्लेख किया. अभिषेक सिंघवी ने दलील दी कि धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत दर्ज मामले के अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाएं पहले से ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, 'कृपया इसे ईमेल करें, मैं इस पर विचार करूंगा.' मामले से जुड़े वकील विवेक जैन ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.


दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध करार देते हुए 5 अगस्त को इसे बरकरार रखा था. हाईकोर्ट  कहा था कि सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित नहीं है और उसने साबित किया है कि आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो कैसे उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने की हिम्मत जुटा सके. हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए उन्हें नियमित जमानत के लिए पहले निचली अदालत का रुख करने को कहा था.


हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबीआई की ओर से केजरीवाल के खिलाफ प्रासंगिक साक्ष्य जुटाने और उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके खिलाफ साक्ष्यों का चक्र बंद हो गया और यह नहीं कहा जा सकता कि गिरफ्तारी बिना किसी उचित कारण के या अवैध थी. कोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल कोई साधारण नागरिक नहीं हैं, बल्कि मैगसायसाय पुरस्कार विजेता और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं.


कोर्ट ने यह भी कहा था कि गवाहों पर केजरीवाल का नियंत्रण और प्रभाव प्रथम दृष्टया इस तथ्य से पता चलता है कि ये गवाह याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद ही गवाह बनने की हिम्मत जुटा सके, जैसा कि विशेष अभियोजक ने रेखांकित किया है. हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि पर्याप्त सबूत जुटाए जाने और अप्रैल 2024 में मंजूरी हासिल करने के बाद ही केंद्रीय एजेंसी ने उनके खिलाफ आगे की जांच शुरू की.


अदालत ने कहा था कि अपराध के तार पंजाब तक फैले हुए हैं, लेकिन केजरीवाल के पद और प्रभाव के कारण महत्वपूर्ण गवाह सामने नहीं आ रहे थे. कोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ही गवाह अपने बयान दर्ज कराने के लिए आगे आए. अरविंद केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.  20 जून को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने फैसले पर रोक लगा दी थी. इसके बाद, 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को धन शोधन मामले में अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन उससे पहले ही सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया इसलिए अब उन्होंने सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.


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