दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने शुक्रवार (21 जून, 2024) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर रोक लगा दी. एक दिन पहले ही रात को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें बेल दी थी, जिसके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय हाईकोर्ट पहुंच गया. बेंच ने कहा कि जब तक हाईकोर्ट की सुनवाई पूरी नहीं होती है तब तक जमानत पर स्टे रहेगा. कल सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए एक कोट का जिक्र करते हुए कहा कि 100 अपराधी छूट जाएं, लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए.
कोर्ट कहा कि मामले में ईडी का रवैया पक्षपाती है और उसके पास इसके भी पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, जो साबित करें कि धोखाधड़ी में अरविंद केजरीवाल का डायरेक्ट लिंक है. राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज न्याय बिंदु ने कहा कि ईडी यह भी साबित नहीं कर सकी कि आरोपी विजय नायर अरविंद केजरीवाल के निर्देशों पर काम कर रहे थे.
अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए क्या बोला राउज एवेन्यू कोर्ट?
कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को बेल देते हुए कहा, 'बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा था कि ये ज्यादा सही होगा कि 100 अपराधी छूट जाएं पर किसी निर्दोष को सजा न हो. हजारों ऐसे मामले हैं, जिनमें आरोपियों को लंबे ट्रायल का सामना करना पड़ता है, जब तक की वह निर्दोष साबित नहीं हो जाए. न्याय न सिर्फ होना चाहिए, बल्कि दिखना चाहिए.'
पूरे सबूतों के बिना आरोपी को हिरासत में रखना स्वीकार्य नहीं, बोले जज
जस्टिस न्याय बिंदु ने अपने आदेश में आगे कहा, 'ईडी अब तक 40 करोड़ रुपये का ट्रेस कर पाया है, 60 का करना अभी बाकी है. एजेंसी यह भी नहीं बता पा रही है कि इसमें कितना समय लगेगा. इसका मतलब जब तक ईडी ये पूरा न कर ले, संपूर्ण सबूतों के बिना आरोपी को हिरासत में रखा जाए, ये स्वीकार नहीं किया जा सकता है.'
कोर्ट ने ईडी की भूमिका पर खड़े किए सवाल
कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि ईडी यह भी नहीं बता पाया है कि प्रोसीड ऑफ क्राइम का गोवा विधानसभा चुनाव में कैसे इस्तेमाल हुआ. ईडी ने आरोप लगाया है कि शराब नीति के तहत जो रिश्वत ली गई, उसका इस्तेमाल गोवा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के चुनावी अभियानों में किया गया. ईडी ने कहा कि आप का राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते वह मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए व्यक्तिगत और परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं.