दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि कितने लंबे समय तक किसी जमानत याचिका पर सुनवाई की जानी चाहिए. अरविंद केजरीवाल ने जमानत और सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दाखिल की है, जिस पर गुरुवार (5 सितंबर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए पूछा कि कितने समय तक जमानत याचिका पर सुनवाई करनी चाहिए, क्या एक सामान्य व्यक्ति को इतना लंबा समय मिलता है.


जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भूईयां की बेंच मामले में सुनवाई कर रही है. अरविंद केजरीवाल की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए, जबकि सीबीआई की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पक्ष रख रहे हैं.


जस्टिस सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान चिंता जताते हुए कहा, 'हम दोनों पक्षों को सुनेंगे, लेकिन हम सोच रहे हैं कि हमें कितने लंबे समय तक जमानत याचिका पर सुनवाई करनी चाहिए, क्या किसी सामान्य आदमी को इतना समय मिलता है.' इस पर एएसजी राजू ने कहा कि एक सामान्य व्यक्ति को भी उतना ही समय मिलना चाहिए, जितना अरविंद केजरीवाल को मिला. 


अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस सूर्यकांत की इस बात पर कहा, 'लॉर्डशिप, मुझे खुशी है कि आपने इस बात को याद दिला दिया. मैं 12 बजे तक ही समय लूंगा ताकि लंच तक सुनवाई पूरी की जा सके.'


जस्टिस सूर्यकांत ने यह चिंता तब जाहिर की जब जमानत और गिरफ्तारी के खिलाफ याचिकाओं पर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी दलील दे रहे थे. तभी उनकी और एसवी राजू की बहस हो गई. एसवी राजू ने बेंच से कहा कि अभिषेक मनु सिंघवी किस पर दलीलें दे रहे हैं जमानत याचिका पर या जमानत के खिलाफ दाखिल याचिका पर.


उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई और कहा कि अभिषेक सिंघवी इन दोनों मामलों को मिक्स नहीं कर सकते और इस पर पहले भी ऑब्जेक्शन किया जा चुका है. एडवोकेट सिंघवी ने बेंच से कहा कि उन्हें दलीलें पूरी करने दिया जाए. उन्होंने एएसजी राजू से कहा कि बेंच को लगेगा तो वह रोक सकती है, उनके पास समय है.


यह भी पढ़ें:-
'अरविंद केजरीवाल को बाहर आने से रोकने के लिए CBI ने किया गिरफ्तार', SC में बोले CM के वकील