Delhi Ordinance: लोकसभा चुनाव 2024 से पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ साझा विपक्ष की कोशिशों में तेजी आती दिख रही है. इसी के मद्देनजर 23 जून को बिहार के पटना में विपक्षी दलों की एक बैठक आयोजित की जानी है. इस बैठक से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (21 जून) को विपक्षी नेताओं को चिट्ठी लिखी है.


आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों की इस मीटिंग में दिल्ली अध्यादेश को संसद में हराने की रणनीति पर सबसे पहले चर्चा हो. केजरीवाल ने इस चिट्ठी में दावा किया है कि दिल्ली अध्यादेश का प्रयोग सफल हुआ तो केंद्र सरकार गैर-बीजेपी शासन वाले राज्यों में भी ऐसे अध्यादेश लाकर राज्य सरकारों के अधिकार छीन लेगी.


केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा अध्यादेश
अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी नेताओं को लिखी चिट्ठी में दावा किया कि दिल्ली अध्यादेश पर उन्होंने बहुत ज्यादा अध्ययन किया है. केजरीवाल के मुताबिक, ऐसा अध्यादेश केवल दिल्ली के लिए लाया जा सकता है, ये सोचना गलत होगा. दिल्ली के सीएम का मानना है कि समवर्ती सूची में आने वाले विषयों को लेकर केंद्र सरकार ऐसा ही अध्यादेश लाकर किसी भी पूर्ण राज्य के अधिकार छीन सकती है.


दिल्ली तो केवल एक प्रयोग भर है- केजरीवाल
दिल्ली के सीएम ने दावा किया, ''केंद्र सरकार ने दिल्ली अध्यादेश के सहारे एक प्रयोग किया है. अगर वो इसमें सफल हो जाती है तो फिर एक-एक कर सभी गैर-बीजेपी राज्यों के लिए समवर्ती सूची के तहत आने वाले विषयों पर अध्यादेश जारी कर राज्यों के अधिकार छीन लिए जाएंगे. इसी लिए सभी पार्टियां मिलकर इसे किसी हालत में संसद में पास न होने दें.''


खत्म हो जाएगा जनतंत्र- आम आदमी पार्टी
केजरीवाल ने चिट्ठी में दावा किया कि दिल्ली अध्यादेश लागू होने के बाद राज्य में जनतंत्र खत्म हो जाएगा. इसके बाद दिल्ली की जनता जो भी सरकार चुनेगी, उसके पास कोई ताकत नहीं होगी. गवर्नर के जरिये केंद्र सरकार दिल्ली की सरकार चलाएगा. चाहे किसी भी पार्टी की सरकार चुनी जाए. दिल्ली के बाद अन्य राज्यों में भी यही होगा. वो दिन दूर नहीं जब गवर्नर और राज्यपालों के जरिये पीएम सभी राज्य सरकारें चलाएंगे.


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