नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून को गैरजरूरी बताया. उन्होंने इस कानून पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस बात की क्या गारंटी है कि संशोधित नागरिकता कानून के तहत पाकिस्तान जासूसों को हिंदू के रूप में नहीं भेजेगा. एबीपी न्यूज के साथ संवाद में दिल्ली के सीएम ने कहा कि इस कानून की कोई जरूरत ही नहीं थी.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून का हिंदुओं और मुसलमानों, दोनों पर असर होगा. दिल्ली के सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार को पहले अपने नागरिकों की चिंता करनी चाहिए और उसके बाद दूसरे देश के लोगों की फिक्र करनी चाहिए. सीएए पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब मिलना बाकी है, जैसे इस बात की क्या गारंटी है कि संशोधित नागरिकता कानून के तहत पाकिस्तान जासूसों को हिंदू के रूप में नहीं भेजेगा.”
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्यों जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने के बाद 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आये हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी.
अरविंद केजरीवाल ने साथ ही कहा कि अगले पांच साल में उनकी सरकार यमुना को साफ करेगी. उन्होंने कहा कि यमुना को साफ करने के बाद वह खुद दिल्ली के लोगों के साथ इस नदी में डुबकी लगाएंगे. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर काफी काम हुआ है और काफी होना बाकी है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और इसके लिए लड़ाई जारी रखेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, परिवहन के क्षेत्र में किए गए कामों को भी गिनाया.
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