दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए शुक्रवार (13 सितंबर, 2024) का दिन बहुत खास है. सीबीआई केस में भी उन्हें जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 10-10 लाख रुपये के दो मुचलकों के साथ बेल दी है. उन पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) के दो मामले हैं, जिसमें से ईडी के मामले में जून में ही उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई थी.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने 5 सितंबर को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. सीएम केजरीवाल पर शराब नीति घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं. वह पूरे 177 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे. अरविंद केजरीवाल 21 मार्च से जेल में हैं. हालांकि, आम चुनाव में प्रचार के लिए उन्हें 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी और 2 जून को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. अगर इन 21 दिनों को कम कर दें तो वह 156 दिन से जेल में हैं.
कब अरेस्ट और कब-कब मिली बेल?
सबसे पहले 21 मार्च को ईडी ने अरविंद केजरीवाल को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था और 51 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें आम चुनाव में प्रचार के लिए 21 दिन की रिहाई मिल गई. 2 जून को वह फिर से जेल चले गए. 20 जून को उन्हें ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि उनके खिलाफ कोई सीधे सबूत नहीं हैं, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी. इसी दौरान सीबीआई ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ की और 26 जून को वहीं से उनकी गिरफ्तारी हो गई. हालांकि, 12 जुलाई को ईडी केस में सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को अतंरिम जमानत मिल गई थी, लेकिन सीबीआई की गिरफ्तारी की वजह से वह जेल से बाहर नहीं आ सके. कोर्ट ने कहा था कि वह 90 दिन से जेल में हैं इसलिए जमानत जरूरी है. अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की गिरफ्तारी को इंश्योरेंस अरेस्ट बताया है.
अरविंद केजरीवाल पर क्या-क्या आरोप?
सीबीआई की एंट्री के बाद अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें ज्यादा बढ़ी हैं. जब मार्च में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तब उनके खिलाफ सिर्फ एक ही आरोप था- कथित तौर पर पैसों का लेनदेन और उसका इस्तेमाल. ईडी ने अरविंद केजरीवाल को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत गिरफ्तार किया था. ईडी कथित मनी ट्रेल की जांच कर रही है. वहीं, सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत लेने और भ्रष्टाचार की जांच कर रही है.
केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में क्या दलील दीं?
सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की पैरवी सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी कर रहे थे. उन्होंने सीबीआई की गिरफ्तारी को इंश्योरेंस अरेस्ट करार देते हुए कहा कि पूछताछ का नोटिस भेजे बिना सीधे गिरफ्तार करना गैरकानूनी है. उन्होंने कहा कि ऐसा करना सीआरपीसी की धारा 41ए का उल्लंघन है. उन्होंने इस पर भी सवाल उठाया कि मामला अगस्त 2022 का है तो दो साल तक गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई. सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि कोर्ट कह चुका है कि जमानत नियम है और जेल अपवाद.
सीबीआई का क्या कहना है?
सीबीआई की ओर से एडशिनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट में पक्ष रखा. सीबीआई ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, जो याचिका के साथ अटैच है. सीबीआई का कहना था कि अरविंद केजरीवाल जांच एजेंसी को लगातार गुमराह कर रहे थे, जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और कोर्ट से इजाजत लेने के बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया गया. एएसजी राजू ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत पर यह कहते हुए आपत्ति जताई कि केजरीवाल को पहले बेल के लिए सत्र अदालत जाना चाहिए था, लेकिन वह सीधे हाईकोर्ट गए, जो ठीक नहीं है. हाईकोर्ट ने भी केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए उन्हें सत्र अदालत जाने के लिए कहा था. इस फैसले को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
दिल्ली शराब नीति मामले के 18 अहम किरदार और कौन-कौन जेल के बाहर ?
- दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 9 अगस्त को 17 महीने बाद जमानत मिल गई थी. उन्हें 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और बाद में ईडी ने भी अरेस्ट कर लिया. कोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए कहा था कि जमानत नियम है और जेल अपवाद. कोर्ट ने उन्हें लंंबे समय तक जेल में रखे जाने को लेकर सख्त टिप्पणियां की थीं.
- 13 सितंबर को अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है.
- भारत राष्ट्र समिति की नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कवित को 27 अगस्त को जमानत मिल गई थी. उन्हें 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि वह पढ़ी-लिखी हैं या विधायक या सांसद हैं तो उन्हें पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों के लाभ से वंचित रखा जा सकता है.
- 2 सितंबर को आम आदमी पार्टी के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी. उन्हें 27 सिंतबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
- 4 अक्टूबर, 2023 को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया था और इस साल 2 अप्रैल को उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी. 6 महीने बाद वह जेल से बाहर आ गए.
- जनवरी 2024 में इंडोस्पिरिट्स ग्रुप के एमडी समीर महेंद्रू को राउज एवेन्यू कोर्ट ने अतंरिम जमानत दी थी. सितंबर, 2022 में उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
- मार्च 2023 में हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्हें भी जमानत मिल चुकी है. उन पर आप नेताओं के साथ 100 करोड़ रुपये के लेन-देन का आरोप है.
- पर्नो रिकॉर्ड इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक बिनॉय बाबू, पंजाब के शराब कारोबारी गौतम मल्होत्रा, आप के वॉलंटियर चरणप्रीत सिंह, चैरियट प्रोजक्शन मीडिया के निदेशक राजेश जोशी और कारोबारी विनोद चौहान भी जमानत पर बाहर हैं. विनोद चौहान को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन पर 25.5 करोड़ रुपये के ट्रांसफर में शामिल होने का आरोप है.
- अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी, मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मंगुटा और कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने सरकारी गवाह बनकर रिहा होने का लाभ उठाया था.
- दिल्ली के कारोबारी अमनदीप ढल्ल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. उन पर कथित तौर पर विजय नायर के साथ मिलकर साजिश रचने और साउथ ग्रुप बैठकों की व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है. वह अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं और उनकी जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश लंबित है.
- इनके अलावा, आरोपी अभिषेक बोइनपल्ली और अमित अरोड़ा को अंतरिम जमानत मिल चुकी है.
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