Arvind Kejriwal Gets Bail: दिल्ली आबकारी नीति के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई. उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर ये बेल मिली है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें मार्च के महीने में गिरफ्तार किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत भी दी थी.
वेकेशन जज नियाय बिन्दु ने केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दो दिनों तक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया. जज बिन्दु ने आज इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था. आज शाम आदेश की घोषणा के बाद, ईडी ने अनुरोध किया कि क्या जमानत बांड पर हस्ताक्षर को 48 घंटे के लिए स्थगित किया जा सकता है ताकि आदेश को अपीलीय अदालत के समक्ष चुनौती दी जा सके.
जज ने नहीं मानी ईडी की मांग
हालांकि, जज ने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. ट्रायल कोर्ट ने कहा कि जमानत बांड कल ड्यूटी जज के सामने पेश किया जाएगा. आज सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने जमानत याचिका के साथ-साथ केजरीवाल के इस दावे का भी विरोध किया कि आबकारी नीति मामले में केंद्रीय एजेंसी के आरोपों को साबित करने के लिए कोई मनी ट्रेल या सबूत नहीं है.
ईडी बोली- हवा में जांच नहीं कर रहे
राजू ने आज कहा, "ऐसा नहीं है कि ईडी हवा में जांच कर रही है. हमारे पास ठोस सबूत हैं." उन्होंने कहा कि ईडी के पास करेंसी नोटों की तस्वीरें हैं जो कि रिश्वत के रूप में दिए गए पैसे का हिस्सा थे. उन्होंने आगे गोवा में सात सितारा होटल में केजरीवाल के ठहरने का भी जिक्र किया. एएसजी ने तर्क दिया कि होटल में ठहरने का खर्च रिश्वत के पैसे से चुकाया गया था.
अन्य दलीलों के अलावा यह भी तर्क दिया गया कि चूंकि केजरीवाल अपने मोबाइल फोन के बारे में गोपनीयता बरत रहे हैं, इसलिए उनके खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जा सकता है. एएसजी ने कहा, "केजरीवाल ने अपना पासवर्ड देने से इनकार कर दिया है, इसलिए प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए. अगर वह अपना फोन दे देते हैं तो बहुत सारे रहस्य सामने आ जाएंगे."
उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, भले ही वह व्यक्तिगत रूप से किसी अपराध में शामिल न हों.
इस संबंध में एएसजी राजू ने कहा, "आपने भले ही अपराध नहीं किया हो, लेकिन आप आप के मामलों के लिए जिम्मेदार हैं और यदि आप किसी अपराध के लिए दोषी है तो आप भी अपराध के लिए दोषी हैं. यह पीएमएलए की धारा 70 के अनुसार है. हर कोई जानता है कि आप के मामलों के लिए एक व्यक्ति जिम्मेदार है और वह अरविंद केजरीवाल हैं." वहीं, केजरीवाल का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने किया, जिन्होंने दोहराया कि ईडी के आरोपों का कोई सबूत नहीं है.
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