नई दिल्ली: दिल्ली कैबिनेट ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी से संबंधित शहीदों के रिश्तेदारों को एक करोड़ रुपये मुआवजा प्रदान करने की अपनी योजना को दोबारा मंजूरी दी. इस योजना के तहत शहीद के परिवार के एक सदस्य को दिल्ली सरकार में नौकरी भी दी जाएगी. योजना के तहत शहीद के परिवार के सदस्य को यह नौकरी तभी दी जाएगी, जब केंद्र की ओर से किसी प्रकार की नौकरी की पेशकश नहीं होगी. इस योजना में सशस्त्र बलों, दिल्ली पुलिस, अर्धसैनिक बलों, अग्नि सेवा, होम गार्ड और जिला आपदा बल कर्मियों सहित सशस्त्र बलों की सभी तीन सेवाओं के दिल्ली स्थित सुरक्षाकर्मी शामिल हैं.


इसके साथ ही इस योजना में युद्ध-विकलांग, युद्ध कैदी और युद्ध में लापता लोगों को भी शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "सुरक्षा बलों के सम्मान के रूप में कैबिनेट ने शहीद के निकटवर्ती परिजन को एक करोड़ के मुआवजे को मंजूरी दी है." इस योजना को साल 2015 में अप्रैल में लांच किया गया था और तब के लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग ने इसे रोक दिया था.


केजरीवाल ने कहा, "पिछले तीन वर्षो में शहीदों के परिवारों को इस प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया है. हमारे सामने कम से कम 10 मामले लंबित हैं. हम युद्ध में लापता हुए जवानों के परिजनों को हर माह 50,000 रुपये की राशि देंगे." उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्री समूह का गठन किया जाएगा, जो इन मामलों को देखेगा. केजरीवाल ने इसके साथ ही मोदी सरकार से भी इसी प्रकार की योजना लागू करने के लिए कहा है.