नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुए कथित देशद्रोह के मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने के संबंध में कानूनी सलाह ले रही है. सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य लोगों के खिलाफ दायर आरोपपत्र (चार्जशीट) को लेकर अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए सवाल किया था कि उन्होंने अनुमति/मंजूरी के बगैर उनके खिलाफ आरोपपत्र कैसे दायर कर दिया है. शनिवार को अदालत के सवाल करने के बाद से ही दिल्ली की आप सरकार और शहर पुलिस के बीच खींचतान चल रही है.
दिल्ली कोर्ट की पुलिस को फटकार के बाद कन्हैया कुमार ने तंज कसा था. उन्होंने कहा था, ''पहले तो चार्जशीट में फ़र्ज़ी कहानी लिखवाने में तीन साल लगा दिए और फिर बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किए कोर्ट पहुँच गए. लगता है देश की अदालत और टीवी वाली 'आप की अदालत' को एक जैसा समझ लिया. चौकीदार चोर ही नहीं, चम्पक भी है.''
दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए अदालत ने नियम तय किए हैं और उनका पालन किया जाएगा. सूत्र ने बताया, ‘‘नियम के अनुसार सरकार को मंजूरी देने के लिए तीन महीने का वक्त मिलता है. दिल्ली पुलिस को आरोपपत्र दायर करने में तीन साल का वक्त लगा. सरकार को फैसला लेने से पहले कानूनी सलाह लेने की अनुमति दी जानी चाहिए.’’
उन्होंने कहा, लेकिन यदि सरकार तीन महीने में कोई फैसला नहीं ले पाती है तो, इसे मुकदमे के लिए मंजूरी मिली मान लिया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को इस संबंध में आरोपपत्र दायर किया था. मामला 2016 में जेएनयू परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में देश-विरोधी नारे लगाने से जुड़ा है.