Arvind Kejriwal In Tihar: दिल्ली आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगने के बाद अपनी रिहाई को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन यहां भी उनकी याचिका पर सोमवार से पहले सुनवाई होने की उम्मीद नहीं दिख रही.
दरअसल, अरविंद केजरीवाल की याचिका पर बुधवार (10 अप्रैल) को सुनवाई नहीं हो पाई और कोर्ट में छुट्टी के चलते सोमवार से पहले सुनवाई होने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है. उन्होंने ईडी की रिमांड पर दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और तत्काल सुनवाई की मांग की. इस पर चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि वो ई-मेल पर गौर करेंगे, कृपया मेल भेजें.
कोर्ट की लगातार छुट्टी
बुधवार को सुनवाई न हो पान के बाद अब आज गुरुवार (11 अप्रैल) को ईद, शुक्रवार को स्थानीय छुट्टी और शनिवार-रविवार की छुट्टी होने के चलते सोमवार तक तो उनकी याचिका पर सुनवाई होना संभव नहीं है. ऐसे में न तो कोई स्पेशल बेंच बनेगी, फिर सीजेआई ने कहा कि इस याचिका को मेरे पास ई-मेल करें तो संभव है कि उनकी बेंच सुनवाई करे.
चुनाव को आधार बनाकर रिहाई चाहते हैं अरविंद केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर चुनाव का हवाला दिया है. उनकी याचिका में दावा किया गया है कि ED ने गिरफ्तारी जिन बयानों और कथित सबूतों के आधार पर की है, वह कई महीने पुराने हैं लेकिन चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तारी हुई. यह देश की चुनावी राजनीति पर दूरगामी असर डालने वाला कदम है. अगर उन्हें रिहा नहीं किया गया तो यह सत्ताधारी पार्टियों के लिए उदाहरण बनेगा कि वह चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी के मुखिया को गिरफ्तार कर लें.
साफ है कि हाई कोर्ट से झटका लगने के बाद वह चुनाव को आधार बना कर अपनी रिहाई पर ज़ोर देना चाहते हैं. हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को वैध बताया था. कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया ईडी के पास मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के पर्याप्त सबूत हैं, उनकी गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है. ये कहते हुए हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था.
ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों खारिज कर दी अरविंद केजरीवाल की जमानत अर्जी?