Delhi News: दिल्ली सरकार ने डेंटल सर्जन सर्विस रूल्स के लिए एक कैडर के गठन को मंजूरी दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेंटल हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने के लिए डेंटल सर्जन कैडर के गठन का निर्णय लिया है. यह दिल्ली में डेंटल सर्जन्स के लिए इस तरह का पहला कैडर है. केजरीवाल सरकार के इस कदम से पिछले दो दशकों से दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में अस्थायी तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे डेंटल सर्जन अब नियमित हो पाएंगे. साथ ही कैडर के गठन के बाद नियमित भर्ती में भी मदद मिलेगी.
डेंटल सर्जन कई सालों से कैडर गठन करने की मांग कर रहे थे. सर्जनों की भर्ती के करीब 23 वर्षों के बाद डेंटल कैडर नियमों को अधिसूचित किया गया है. ये डेंटल सर्जन साल 1998 में अस्थायी तौर पर नियुक्त किए गए थे. डेंटल सर्जन कैडर के गठन को लेकर डेंटल सर्जन्स के प्रतिनिधिमंडल ने कई बार आवाज उठाई, लेकिन हर बार हताशा ही हाथ लगी.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने डेंटल सर्जनों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर उनकी मांगें सुनीं. इसके बाद साल 2018 में स्वास्थ्य मंत्री ने डेंटल सर्विसेज को मजबूत करने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया.
समिति की मांग पर विचार विमर्श करते हुए दिल्ली सरकार ने कैडर के गठन को मंजूरी दी है. इस समिति के अहम सदस्यों में शामिल रहे डॉ जहीरुद्दीन, डॉ. हरप्रीत ग्रेवाल, डॉ अनिल मित्तल और डॉ विक्रांत मोहंती ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की इस पहल से डेंटल सर्जनों में खुशी की लहर है. अस्थायी तौर पर 23 सालों तक काम करने के बाद अब उन्हें रेगुलर किया जाएगा.
डेंटल सर्जनों में खुशी की लहर
डेंटल सर्जनों का कहना है कि दिल्ली में अभी तक ऐसा कोई कैडर नहीं था. दिल्ली सरकार के मार्गदर्शन के चलते डेंटल सर्जनों द्वारा दो दशकों से उठाई जा रही मांग और कैडर के गठन का सपना पूरा हो पाया है. डेंटल सर्जन कैडर के गठन के लिए हम दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और विभाग के सभी अधिकारियों के आभारी है.
दिल्ली एलोपैथिक कैडर नियम 2009 की तर्ज पर ही राजधानी में डेंटल हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने के डेंटल सर्जन कैडर बनाने का निर्णय बेहद सराहनीय है. फिलहाल सेंट्रल हेल्थ सर्विसेज के डॉक्टरों को राज्य सरकार के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में बहुत कम जानकारी है. कैडर के गठन से इस अंतर को कम करने में मदद मिलेगी.
इसके अलावा केंद्र और राज्य, दोनों स्तरों पर टेक्निकल लीडरशिप और मैनेजमेंट में सुधार होगा. कैडर में शामिल डेंटल सर्जन स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाएंगे. साथ ही भविष्य में डेंटल सर्जन्स की भर्ती भी सीधे तौर पर होगी.
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