Law And Order In Delhi: दिल्ली अध्यादेश के खिलाफ केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार के बीच छिड़ी सियासी जंग शांत होने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर गवर्नर वीके सक्सेना को एक चिट्ठी लिखकर चिंता जताई है. अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार (20 जून) को दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर गवर्नर और केंद्रीय गृह मंत्रालय पर सवाल खड़े किए हैं.
अरविंद केजरीवाल की ओर से गवर्नर को भेजे गए पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा गया है, ''दिल्ली का हर नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहा है. दिल्ली की कानून व्यवस्था के लिए सीधे एलजी और गृह मंत्री जिम्मेदार हैं. नागरिकों, विधायकों और आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर कानून व्यवस्था सुधारी जाए. थाना लेवल कमिटी फिर से शुरू की जाए.''
अरविंद केजरीवाल ने लगाए गंभीर आरोप
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम ने पत्र में गवर्नर और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बीते 24 घंटों में दिल्ली के अलग-अलग हिस्से में चार हत्याएं हो चुकी हैं. ये घटनाएं दिल्ली में कानून व्यवस्था के हालात बताने के लिए काफी हैं.
केजरीवाल ने कहा, ''दिल्ली के दो करोड़ नागरिकों की ओर से दी गई संवैधानिक जिम्मेदारी के तहत मैं आपसे उनकी जिंदगी की सुरक्षा के लिए अपील करता हूं. मैं कानून-व्यवस्था का राज कायम करने के लिए कोई भी सहायता करने को तैयार हूं. बीते साल सामने आए एनसीआरबी के आंकड़े केंद्रीय गृह मंत्रालय और गवर्नर की आंखे खोलने वाले हैं.''
महिलाओं के खिलाफ अपराध दिल्ली में ज्यादा- केजरीवाल
पत्र में कहा गया है कि ये दोनों ही दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक, देश के 19 मेट्रोपॉलिटन शहरों में से अकेले दिल्ली में ही महिलाओं के खिलाफ अपराधों का आंकड़ा 32.20 प्रतिशत है. इसके बावजूद जमीन पर कुछ भी नहीं बदला है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस में जवानों की कमी के कारण नागरिकों को अपनी जान और संपत्ति की सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा गार्ड रखने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि रात में पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ाना और नागरिकों के साथ समन्वय बनाना वक्त की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं अपने कैबिनेट के साथियों की आपके साथ एक बैठक का प्रस्ताव रखता हूं.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिए जा सकते हैं कि वो विधायकों, पार्षदों और आरडब्ल्यूए के साथ बैठक करके राष्ट्रीय राजधानी में अपराध को कम करने के तरीकों पर सुझाव दें. थाना लेवल कमेटियों को फिर से शुरू किया जाए.
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