दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश के औरैया में एक हादसे में प्रवासी कामगारों की मौत पर दुख जताया और कहा कि लॉकडाउन के दौरान अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी कामगारों की तकलीफों को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कामगारों की ‘‘कब्रों’’ में तब्दील हो रहे शहरों को खोलने का साहस दिखाना होगा.


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शनिवार तड़के एक ट्रक और एक डीसीएम मेटाडोर (ट्रक से छोटा वाहन) की टक्कर में 24 प्रवासी कामगारों की मौत हो गयी जबकि 36 अन्य कामगार घायल हो गये.

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘औरैया हादसे में कई लोगों की जान जाने का मुझे बहुत दुख है. प्रवासी कामगारों के साथ त्रासदी बदतर होती जा रही है. इस बारे में तत्काल कुछ करने की जरूरत है.’’



शहरों को खोलने का साहस दिखाना जरूरी

सिसोदिया ने शहरों को खोलने की वकालत की और कहा कि चाहे कितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला दी जाएं, रात्रि आश्रय स्थल बना दिए जाएं लेकिन वे भी विस्थापन की बाढ़ को संभाल नहीं पाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘ठप पड़े शहर मेहनतकश कामगारों की कब्रें बनते जा रहे हैं. हमें कोरोना वायरस को स्वीकार करना होगा और शहरों को खोलने का साहस दिखाना होगा.’’



दिल्ली सरकार ने केंद्र को सुझाव दिया है कि 17 मई को लॉकडाउन का दूसरा चरण खत्म होने के बाद दिल्ली में कामगारों की आवाजाही और निर्माण गतिविधियों की इजाजत दी जाए.

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