Delhi Ordinance: केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं. इसी बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संजोयक केजरीवाल ने बुधवार (7 जून) को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की. इस दौरान पंजाब के मु्ख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी, आप सांसद संजय सिंह और सपा नेता शिवपाल सिंह यादव भी मौजूद रहे. 


केजरीवाल ने मीटिंग के बाद कहा कि फरवरी में सरकार बनी और 3 महीने बाद केंद्र सरकार ने हमारी शक्तियां छीन ली. उन्होंने कहा कि 8 साल की लड़ाई बाद 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया कि शक्तियां चुनी हुई सरकार के पास होनी चाहिए, लेकिन 19 मई को मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट का फैसला कैंसिल कर दिया. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मैं उन्हें (केजरीवाल) को भरोसा दिलाता हूं कि इस लड़ाई में हम आपके साथ हैं. 


अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव ने क्या कहा?
अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने 19 मई को अध्यादेश लाने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि इस दिन से कोर्ट में अवकाश हो गया. हम छुट्टी खत्म होते ही अदालत जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि अध्यादेश गिर गया तो समझिए कि ये 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल है. अखिलेश यादव ने मीटिंग के बाद कहा कि यह अध्यादेश लोकतंत्र के खिलाफ है. 


अरविंद केजरीवाल किन-किन नेताओं से मिल चुके हैं?
इससे पहले आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तमिलाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं. इस दौरान सभी ने एक बात दोहराई है कि वो राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ वोट करेंगे. 


मामला क्या है?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अफसरो की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास है, इसके बाद 19 मई को केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई. इसको लेकर लगातार केजरीवाल कह रहे हैं कि कोर्ट के आदेश को पलटकर सरकार ने असंवैधानिक काम किया है.


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