नई दिल्ली: लाभ का पद मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता कभी भी रद्द हो सकती है. इस मामले में विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने की सिफारिश चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति भवन भेज दी है. इस पूरे विवाद के बीच आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्रिकेट खेलते दिखाई दिए.

दरअसल दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके में एक स्थानीय क्रिकेट टूर्नामेंट का आय़ोजन किया गया है. अरविंद केजरीवाल इस टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे थे. केजरीवाल ने एक बॉल खेलकर इस टूर्नामेंट का उद्घाटन किया है.



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वहीं, इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर बीजेपी का एजेंट होने का आरोप लगाया है. पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने आज कहा है कि चुनाव आयोग ने जो फैसला किया है वो ग़लत है. केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने में जुटी है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कानून और नियमों को ताख पर रखकर फैसला दिया है.

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने ससदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था. बावजूद इसके किसी विधायक की सदस्यता रद्द नहीं हुई. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के एजेंट के रूप में फैसला दिया है. अरविंद केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे.

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बता दें कि अब नजरें इस बात पर हैं कि राष्ट्रपति चुनाव आयोग की सिफारिश पर कब मुहर लगाते हैं. उल्लेखनीय है कि संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक राष्ट्रपति आयोग की अनुशंसा मानने को बाध्य हैं.


विधायकों या सांसदों को अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला लेने से पहले राष्ट्रपति चुनाव आयोग की राय लेते हैं. चुनाव आयोग की राय के मुताबिक ही राष्ट्रपति इन याचिकाओं पर फैसला करते हैं. ये भी देखने वाली बात है कि क्या राष्ट्रपति आप विधायकों की जो याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई के लिए लंबित है उस पर सुनवाई के बाद फैसला लेंगे या फिर उससे पहले.

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सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी गई अनुशंसा में आयोग ने कहा है कि 13 मार्च 2015 को संसदीय सचिव बनाये गये आप के 20 विधायक 08 सितंबर 2016 तक लाभ के पद पर रहे. इसलिये दिल्ली विधानसभा के विधायक के तौर पर ये अयोग्य घोषित होने योग्य हैं.

वर्तमान मामले में 21 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिका दी गई थी लेकिन एक विधायक ने कुछ महीने पहले ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, इन विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से केजरीवाल सरकार पर कोई खतरा नहीं है, क्योंकि उसे दिल्ली विधानसभा में भारी बहुमत हासिल है. विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने से उसके विधायकों की संख्या घटकर 45 हो जाएगी.