Delhi Liquor Policy: सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को बताया था सही
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वर्तमान में केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं.
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. केजरीवाल के वकील बुधवार (10 अप्रैल, 2024) की सुबह 10.30 बजे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से जल्द सुनवाई का अनुरोध करेंगे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (9 अप्रैल, 2024) को आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया था. कोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में किसी कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हुआ. केजरीवाल की ईडी रिमांड भी अवैध नहीं है.
दरअसल, हाईकोर्ट में केजरीवाल ने गिरफ्तारी के साथ-साथ मामले में उन्हें ईडी की हिरासत में भेजने को भी चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें यहां से राहत नहीं मिली. केजरीवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. हाईकोर्ट से लगे झटके के बाद AAP ने कहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.
AAP ने क्या कहा है?
AAP नेता और दिल्ली की केजरीवाल सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था, ''उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट मामले में अरविंद केजरीवाल को राहत देगा. हम दिल्ली होईकोर्ट का आदर करते हैं, लेकिन सम्मान के साथ कहना चाहते हैं कि हम उसके इस आदेश से सहमत नहीं हैं और उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.’’
उन्होंने इस दौरान दावा भी किया कि दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामला AAP को खत्म करने के लिए लाया गया है. बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ईडी से ये सब काम राजनीतिक बदले की भावना के तहत करा रही है. वहीं ईडी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को तैयार करने और लागू करने में गड़बड़ी हुई है.
ईडी ने क्या आरोप लगाया है?
ईडी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली शराब नीति में हुए कथित भ्रष्टाचार के मुख्य साजिशकर्ता अरविंद केजरीवाल हैं. इसमें AAP के कई नेता और मंत्री भी शामिल रहे हैं. ऐसे में केजरीवाल को राहत देना सही नहीं होगा.
वहीं केजरीवाल के वकील कोर्ट में दलील देते हुए कई बार कह चुके हैं कि ये गिरफ्तारी लोकसभा चुनाव को देखते हुए की गई है. इसके जवाब में केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि कानून के सामने सब बराबर है. ऐसे में चुनाव को देखते हुए किसी भी शख्स को गिरफ्तारी से छूट नहीं दी जा सकती.
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