(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
CM केजरीवाल ने 2013 में 49 दिन में दे दिया था इस्तीफा, अब 'अग्निपरीक्षा' की बात कह फिर चौंकाया
Delhi CM Arvind Kejriwal Announced Resignation: सीएम केजरीवाल ने कहा कि वो सीएम के पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं और तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगे जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे.
Delhi CM Arvind Kejriwal Announced Resignation: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं. इसकी जानकारी खुद उन्होंने ही दी है. सीएम केजरीवाल ने रविवार, 15 सितंबर को पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस्तीफे का ऐलान किया है. उन्होंने बताया कि 2 दिन के बाद वह इस पद से इस्तीफा दे देंगे.
सीएम केजरीवाल ने कहा, "मैं सीएम की कुर्सी से इस्तीफा देने जा रहा हूं और मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे."
'अग्निपरीक्षा देने को तैयार'
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "जब भगवान राम 14 साल बाद वनवास से आए थे तब सीता जी को भी अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी. मैं भी आपके सामने अग्निपरीक्षा देने के लिए तैयार हूं." केजरीवाल ने कहा, "मैं देश के सारे गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों से यह अपील करना चाहता हूं कि अगर बीजेपी आपको जेल भेजे तो आप इस्तीफा मत देना बल्कि जेल से ही सरकार चलाना."
सीएम केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, "इन्होंने ईडी और सीबीआई भेजकर डराने, जेल भेजने और पार्टियों को तोड़ने का एक फॉर्मूला तैयार कर लिया है. महाराष्ट्र में भी इन्होंने दो पार्टियों को तोड़ा है. इन्होंने एक और फॉर्मूला बना लिया है, जहां-जहां ये चुनाव हार रहे हैं वहां के मुख्यमंत्री पर एक फर्जी केस बनाकर उसे जेल में डाल दो."
'महाराष्ट्र के साथ कराए जाएं चुनाव'
दिल्ली के सीएम ने कहा कि दिल्ली अगले साल फरवरी में चुनाव होने हैं. उन्होंने कहा, "मेरी मांग है कि ये चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव के साथ कराए जाएं. अगले दो-तीन दिन में विधायक दल की बैठक होगी और उसमें नए मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा. मैं और मनीष सिसोदिया दोनों ही चुनाव में जीतने के बाद ही अपना पद संभालेंगे."
जब 49 दिनों में दे दिया था इस्तीफा?
दिल्ली में आम आदमी की सरकार साल 2013 में पहली बार बनी थी. तब आम आदमी पार्टी को 70 सीटों में 28 सीटें मिलीं थी. वहीं कांग्रेस को 8 सीटें मिली थी. दूसरी ओर भाजपा 32 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन बहुमत किसी पार्टी के पास नहीं था. अरविंद केजरीवाल ने तब कांग्रेस की समर्थन वाली सरकार बनाई थी. ये सरकार 49 दिन चली. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने इस बात का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया कि वह जनलोकपाल बिल पास नहीं करवा पाए.
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