नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा से एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने सिर्फ एनपीआर पर बात की है, उन्होंने एनआरसी पर कुछ नहीं कहा. दरअसल, गुरुवार को राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि एनपीआर के तहत कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा. इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है.


एनपीआर की सूचना के आधार पर होगा एनआरसी- केजरीवाल


केजरीवाल ने कहा, ''एनपीआर के इंफॉर्मेशन कलेक्ट किया जाएगा. बाद में उसी के आधार पर एनआरसी होगा. अभी अगर एनपीआर हो गया तो उसके बाद कुछ नहीं बचेगा. फिर तो एनआरसी होकर रहेगा. एनआरसी तो होना ही है. राष्ट्रपति जी ने कह दिया कि एनआरसी होगा, गृहमंत्री ने कहा दिया किया एनआरसी होगा...एनआरसी तो होगा ही होगा.'' उन्होंने कहा कि अमित शाह ने कल ये कहा है कि एनपीआर में डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाएंगे, उन्होंने ये नहीं कहा कि एनआरसी में डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाएंगे. एनआरसी में तो डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे.


'सीएए, एनआरसी और एनपीआर तीनों एक दूसरे से जुड़े कानून'


केजरीवाल ने कहा कि सरकार ये कह रही है कि एनआरसी पर कोई ड्राफ्ट तैयार नहीं हुआ है. जब चिड़िया खेत चुग जाएगी तब पछताने से क्या होगा. उन्होंने कहा, ''गृहमंत्री अमित शाह ने ने देश को एक क्रोनोलॉजी बताई थी. पहले सीएए आएगा, फिर एनपीआर आएगा और फिर एनआरसी आएगा. ये तीनों क़ानून एक दूसरे से जुड़े है. देश के सारे लोगों की नागरिकता पर ये सवाल उठाएंगे.''


क्या सबको डिंटेशन सेंटर भेजा जाएगा- केजरीवाल


केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''NPR और NRC के तहत जनता से अपनी नागरिकता साबित करने को कहा जाएगा. 90% लोगों के पास ये साबित करने के लिए कोई सरकारी जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. क्या सबको डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा? ये डर सबको सता रहा है. केंद्र से मेरी अपील है की NPR और NRC को रोक दिया जाए.''