Electricity Amendment Bill: सीएम अरविंद केजरीवाल बोले- बिजली संशोधन विधेयक खतरनाक, चंद कंपनियों को होगा फायदा
Electricity Amendment Bill 2022: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को लेकर कहा कि इससे सिर्फ बिजली कंपनियों को फायदा होगा.
Arvind Kejriwal on Electricity Amendment Bill: केंद्र सरकार बिजली संशोधन विधेयक, 2022 (Electricity Amendment Bill) को लेकर दावा कर रही है कि इससे बिजली क्षेत्र में सुधार होगा. दूसरी ओर विपक्ष का कहना कि इससे प्राइवेट कंपनियों को फायदा होगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने तो विधेयक को खतरनाक करार दिया है. सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार से अपील की है कि इसे जल्दबाजी में पेश न करें. उन्होंने दावा किया कि इससे सिर्फ बिजली कंपनियों को फायदा होगा.
सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''आज लोकसभा में बिजली संशोधन बिल लाया जा रहा है. यह कानून बेहद खतरनाक है. इससे देश में बिजली की समस्या सुधरने के बजाय और गंभीर होगी. लोगों की तकलीफें बढ़ेंगी. केवल चंद कंपनियों को फायदा होगा. मेरी केंद्र से अपील है कि इसे जल्दबाजी में न लाया जाए.''
आज लोक सभा में बिजली संशोधन बिल लाया जा रहा है. ये क़ानून बेहद ख़तरनाक है. इस से देश में बिजली की समस्या सुधरने की बजाय और गंभीर होगी. लोगों की तकलीफ़ें बढ़ेंगी. केवल चंद कंपनियों को फ़ायदा होगा. मेरी केंद्र से अपील है कि इसे जल्दबाज़ी में ना लाया जाए.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 8, 2022
पंजाब से आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक (Sandeep Pathak) ने कहा कि ''बेहद दुर्भाग्यपूर्ण'' है कि केंद्र सरकार अपनी ही बात से मुकरने के बाद लोकसभा में इस विधेयक को पेश करने जा रही है. उन्होंने ट्वीट किया, ''बिजली के मामले में कानून बनाने में राज्य का बराबर का अधिकार है, मगर इस विधेयक के बारे में केंद्र सरकार ने किसी भी राज्य से राय नहीं मांगी है. आम आदमी पार्टी इसका विरोध करती है.' ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) ने पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर थी कि बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 को सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाए.
बीजेपी का क्या कहना है?
केंद्रीय बिजली मंत्री आर.के सिंह ने कहा कि विपक्ष ने या तो बिल पढ़ा नहीं या समझने के बाद भी विरोध कर रहे हैं. इसमें किसान संबंधित कोई प्रावधान नहीं है. किसान को जितना सब्सिडी मिलता है, वो रहेगा. इसमें कोई बदलाव नहीं है. अगर कोई राज्य और सब्सिडी देना चाहे तो दे सकता है.
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