Arvind Kejriwal AAP: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अजीबोगरीब दावा किया है. उन्होंने कहा है कि देश की राजधानी में सरकार चलाने के लिए उन्हें नोबेल प्राइज मिलना चाहिए.
दरअसल पानी के बढ़े हुए बिल भुगतान को लेकर वन टाइम सटलमेंट स्कीम के रुक जाने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार (25 फरवरी) पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस मौके पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया.
'तकरीबन 11 लाख परिवार है परेशान'
उन्होंने कहा- दिल्ली में पानी के गलत बिल आने से तकरीबन 11 लाख परिवार परेशान हैं. हमारी सरकार पानी के इन गलत बिलों को ठीक करने के लिए स्कीम लेकर आई, लेकिन बीजेपी ने साजिश करके उसे रोक दिया. इसके खिलाफ हम संघर्ष करेंगे, इस स्कीम को लागू करवा कर रहेंगे. उन्होंने कहा कि मैं जिस तरह से सरकार चला रहा हूं, आप लोग समझ नहीं सकते, ये हमें काम नहीं करने देते. मैं जिन हालात में सरकार चला रहा हूं, उससे मुझे नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए. सरकार मैं चला रहा हूं और अधिकारी एलजी की सुनते हैं.
'संसद में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलटा'
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा कि अधिकारियों के तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होना चाहिए तो इन्होंने संसद में कानून बना कर उसे पलट दिया. मगर मुझे कोई नहीं रोक सकता मैं जनता के काम करता रहूंगा. मेरा नोबेल पुरस्कार मेरी जनता है. मुझे और कोई नोबेल पुरस्कार नहीं चाहिए है.
उन्होंने कहा कि मैं एक बात कहना चाहता हूं कि इस बार लोकसभा की सातों सीटों हमें और हमारे गठबंधन को जिता दें फिर संसद में हमारी ताकत बढ़ेगी फिर हमें कोई एलजी नहीं रोक सकेगा. इसी के साथ यह भी कह रहा हूं कि अगर पानी का बढ़ा हुआ बिल आ रहा है तो नहीं भरें उसे फाड़ कर फेंक दें, हम उसे माफ कराकर रहेंगे.