नई दिल्ली: दिल्ली के एलजी हाउस में आज हाई बोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. दिल्ली के एलजी हाउस में अरविंद केजरीवाल अपने विधायकों के साथ धरने पर बैठ गये हैं. अपनी मांगों के लेकर एलजी से मिलने पहुंचे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मांगे ना माने जाने के बाद एलजी हाउस के वेटिंग रूम में धरने पर बैठ गए.


अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया, ''एलजी को पत्र सौंपा, एलजी ने एक्शन लेने से मना कर दिया. एलजी एक्शन लेने के संवैधानिक कर्तव्य से बंधे हैं. कोई विकल्प ना बचने के बाद हमने विनम्रता पूर्वक उनसे कहा कि जब तक सभी प्वाइंट्स पर एक्शन नहीं होता हम नहीं जाएंगे. हम उनके चेंबर से बाहर आ गए और वेंटिग रूम में बैठे हैं.'' केजरीवाल ने कहा कि जब मागें नहीं मानी जातीं वो एलजी हाउस नहीं छोड़ेंगे.


केजरीवाल ने एलजी से क्या मांगे की?
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एलजी से मिलकर उनके सामने तीन मांगे रखीं. इनमें IAS अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल तुरंत खत्म कवाना, काम रोकने वाले IAS अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना और राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी की योजना को मंजूरी देने की मांग शामिल है. बता दें कि दिल्ली के आईएएस अधिकारी पिछले चार महीने से हड़ताल पर हैं.





चुनी हुई सरकार कैसे काम करेगी?- सिसोदिया
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म करवाने के लिए एलजी ने कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैंने इसके लिए पांच उनके मुलाकात की और पत्र लिखे. मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस प्रकार एक चुनी हुई सरकार कैसे काम करेगी?





सिसोदिया ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, ''हमारी एलजी साहब से 3 विनती हैं. IAS अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल तुरंत खत्म कराएं, क्योंकि सर्विस विभाग के मुखिया आप हैं. काम रोकने वाले IAS अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लें और राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी की योजना को मंजूर करें. अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी पर जितना काम 3 साल में हुआ है उससे 10 गुना ज्यादा काम हो गया होता.