नई दिल्ली: प्रदूषित पानी के मुद्दे पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच झगड़ा और बढ़ गया है. इस मसले पर पहले से जारी तनातनी के बीच उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है. पत्र में रामविलास पासवान ने चुनौती भरे अंदाज में यह प्रस्ताव दिया है कि वह अपने मंत्रालय की ओर से भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस के दो वरिष्ठ अधिकारियों का नाम प्रस्तावित कर रहे हैं. उन्होंने दिल्ली सरकार से भी अपनी ओर से दो अधिकारियों का नाम भेजने का सुझाव दिया है. पासवान ने कहा है की इन चारों अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई जाए .


'दिल्ली सरकार जहां से चाहे सैम्पल ले'
पासवान ने कहा है कि संयुक्त टीम को दिल्ली सरकार जहां से कहे वहीं से पानी का सैंपल इकट्ठा करे. सैंपल इकट्ठा करके दिल्ली सरकार अपनी पसंद के लैब से पानी के सैंपल की जांच करवा ले. पासवान ने शर्त केवल यह रखी है कि लैब सरकार द्वारा प्रमाणित हो.





दिल्ली का पानी सबसे गंदा पाया गया
पिछले हफ्ते शनिवार को उपभोक्ता मंत्रालय के मंत्री रामविलास पासवान ने भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तैयार की गई 21 शहरों के पानी की शुद्धता की रैंकिंग जारी की थी. इस रैंकिंग में मुंबई के पानी को सबसे शुद्ध पाया गया था जबकि देश की राजधानी दिल्ली के पानी को सबसे अशुद्ध.


प्रदूषित पानी के मुद्दे पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच बढ़ सकता है झगड़ा


रैंकिंग जारी होने के बाद आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार और रामविलास पासवान पर दिल्ली सरकार को बदनाम करने की साजिश करने का आरोप लगाया था . उसके बाद पासवान ने पलटवार करते हुए सोमवार को लोकसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी थी उसी चुनौती को आगे बढ़ाते हुए रामविलास पासवान ने अब यह पत्र लिखा है.