केजरीवाल के सलाहकार बढ़ा सकते हैं उनके विधायकों की मुश्किलें
सीएम केजरीवाल के दो विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दोनों ही विधायकों की जमानत का विरोध किया. दिल्ली पुलिस ने दलील देते हुए कहा कि इन दोनों ने मुख्य सचिव के साथ मारपीट की.
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुख्य सलाहकार उनकी और उनके विधायकों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन का अदालत में बयान दर्ज करवाया. वीके जैन ने अदालत में अपने बयान में कहा कि वह रात करीब 11:30 बजे अपने घर से निकले और उनको मुख्यमंत्री के घर तक पहुंचने में करीबन 35 से 40 मिनट का वक्त लगा. करीबन 12:10 पर वह मुख्यमंत्री के घर पर पहुंचे जब वह वहां पर पहुंचे मुख्य सचिव अंशु प्रकाश वहां मौजूद थे और उनके साथ बदसलूकी और मारपीट हो रही थी. इसमें अंशु प्रकाश का चश्मा भी जमीन पर गिर गया था. उस दौरान वहां पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे.
दिल्ली पुलिस ने दोनों विधायकों की जमानत का विरोध किया
सीएम केजरीवाल के दो विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दोनों ही विधायकों की जमानत का विरोध किया. दिल्ली पुलिस ने दलील देते हुए कहा कि इन दोनों ने मुख्य सचिव के साथ मारपीट की. पुलिस ने इस पूरी घटना को एक साजिश करार दिया. पुलिस के मुताबिक आखिर रात 12 बजे मुख्य सचिव को क्यों मुख्यमंत्री के घर पर बुलाया गया? आखिर ऐसी क्या इमरजेंसी थी जिसकी वजह से आधी रात यह बैठक बुलाई गई और तो और इस बैठक में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के अलावा 11 दूसरे लोग भी शामिल हुए. अगर कोई सरकारी काम था तो वहां पर केजरीवाल के विधायक क्या कर रहे थे?
दो विज्ञापनों से जुड़ा है पूरा विवाद
मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के वकील ने अदालत में बताया कि पूरा विवाद दो विज्ञापनों से जुड़ा हुआ है. केजरीवाल सरकार चाहती थी कि उन दोनों विज्ञापनों को मुख्य सचिव अनुमति दे दें, लेकिन मुख्य सचिव ने उनको अनुमति नहीं दी. क्योंकि इन विज्ञापनों में दिल्ली में भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म होने और साथ ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों में विश्व स्तरीय शिक्षा व्यवस्था देने की बात कही गई थी.
विज्ञापनों को हरी झंडी नहीं देने के पीछे है ये वजह
मुख्य सचिव के वकील के मुताबिक मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने केजरीवाल सरकार के इन विज्ञापनों को हरी झंडी नहीं दी. इसके पीछे की पहली वजह तो ये कि विजिलेंस ने इन पर आपत्ति दर्ज करवाई थी क्योंकि भ्रष्टाचार आज भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. दूसरी दिल्ली में आज भी विश्व स्तरीय शिक्षा व्यवस्था नहीं है. विजिलेंस की इसी रिपोर्ट को आधार मानते हुए मुख्य सचिव ने विज्ञापनों को हरी झंडी नहीं दी थी. अंशु प्रकाश ने कहा कि ऐसे विज्ञापनों को हरी झंडी देना सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना था. इसी वजह से आधी रात में बुलाकर उनके साथ बदसलूकी और मारपीट की गई.
अब कल दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट यह तय करेगी कि क्या केजरीवाल के इन दोनों विधायकों को जमानत पर रिहा करना है या फिर पुलिस जो इन दोनों को हिरासत में लेकर आगे पूछताछ करना चाहती है, उसकी अनुमति देनी है.