जीत के बाद केजरीवाल की पहली चुनौती- पुराने चेहरे vs नए चेहरे, मंत्रिमंडल में किसे देंगे जगह?
दिल्ली के सीएम के रूप में शपथ लेने वाले केजरीवाल के पास दो विकल्प हैं- पुराने लोगों के साथ जाएं या कुछ युवा चेहरों को शामिल करें.AAP अगर नए चेहरों को मंत्री नहीं बनाती है तो आतिशी, राघव चड्ढा और दिलीप पांडे जैसे महत्वपूर्ण नेताओं को अन्य जिम्मेदारियां मिल सकती हैं.
नई दिल्ली: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239AA के अनुसार, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को विशेष दर्जा देता है, मंत्रियों की संख्या विधानसभा की 70 सीटों में से 10% से अधिक नहीं हो सकती है. इसलिए नई सरकार में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम सात मंत्री हो सकते हैं. यही अरविंद केजरीवाल की पहली सबसे बड़ी चुनौती है. विधायकों की लंबी लिस्ट, पिछली सरकार के मंत्री और आतिशी, राघव चड्ढा और दिलीप पांडे जैसे पहली बार जीते नेताओं में से टॉप-6 चुनना केजरीवाल के लिए बड़ा चैलेंज है.
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनावों में 62 सीटों पर जीत हासिल की, बीजेपी ने आठ सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार एक भी सीट नहीं जीती. आप 2015 में भी इस समस्या से जूझ रही थी जब उसके 67 उम्मीदवार जीते थे. रविवार को रामलीला मैदान में दिल्ली के सीएम के रूप में शपथ लेने वाले केजरीवाल के पास दो विकल्प हैं- पुराने लोगों के साथ जाएं या कुछ युवा चेहरों को शामिल करें.
आप के पिछले कार्यकाल में आतिशी ने सरकारी स्कूलों के सुधार में तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की मदद की. तो वहीं राघव चड्ढा राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, जिन्होंने वित्तीय मुद्दों पर पार्टी की मदद की है. आतिशी ने कालकाजी से और चड्ढा ने राजिंदर नगर से जीत हासिल की है.
पुराने चेहरों के दोबारा मंत्री बनने की संभावना
हालांकि सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल की कैबिनेट में कोई बदलाव नहीं होगा. यानी पिछली सरकार में जो मंत्री थी, इस बार भी उन्हें ही मौका दिया जाएगा. 16 फरवरी को अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. सूत्रों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल समेत उनके सात मंत्री शपथ लेंगे. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र पाल गौतम शपथ लेंगे.
अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली, मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज, सत्येंद्र जैन ने शकुर बस्ती, गोपाल राय ने बाबरपुर, कैलाश गहलोत ने नजफगढ़, इमरान हुसैन ने बल्लीमारान और राजेंद्र पाल गौतम ने सीमापुरी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है. पिछली सरकार में मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पद, सत्येंद्र जैन स्वास्थ्य मंत्री का पद, गोपाल राय ग्रामीण विकास मंत्री का पद, कैलाश गहलोत परिवहन मंत्री का पद, इमरान हुसैन खाद्यमंत्री का पद और राजेंद्र पाल गौतम जल मंत्री का पद संभाल रहे थे. विधायकों ने सर्वसम्मति से अरविंद केजरीवाल को विधायक दल का नेता चुना है.
नए चेहरों का क्या होगा?
आम आदमी पार्टी अगर नए चेहरों को मंत्री नहीं बनाती है तो आतिशी, राघव चड्ढा और दिलीप पांडे जैसे महत्वपूर्ण नेताओं को अन्य जिम्मेदारियां मिल सकती हैं. हो सकता है उन्हें संसदीय सचिवों के रूप या मुख्यमंत्री या मनीष सिसोदिया के कार्यालय से जुड़ी अहम जिम्मेदारियां मिलें. Delhi Dialogue Commission (DDC) या दिल्ली जल बोर्ड जैसे अन्य विभागों की जिम्मेदारियां भी इन नए विधायकों को दी जा सकती हैं.
यह भी पढ़ें-
दिल्लीः राष्ट्रवाद के मुद्दे पर AAP ने BJP को घेरा, राष्ट्र निर्माण कैंपेन जारी कर 11 लाख लोग जोड़े
VP मेनन की जीवनी के हवाले से बोले विदेश मंत्री जयशंकर- 'पटेल को कैबिनेट में नहीं चाहते थे नेहरू'